Edited By kirti, Updated: 03 Jan, 2019 06:13 PM
हिमाचल प्रदेश के ऊंचाई वाले इलाकों में ठंड का प्रकोप तेजी से बढ़ता ही जा रहा है। ऐसे में ग्रामीण जीवन पटरी से उतर गया है। लोगों को पेयजल की भी किल्लत का सामना करना पड़ रहा है। क्योंकि पेयजल लाइनें अधिक ठंड के कारण जम गई है।
रामपुर (विशेषर नेगी): हिमाचल प्रदेश के ऊंचाई वाले इलाकों में ठंड का प्रकोप तेजी से बढ़ता ही जा रहा है। ऐसे में ग्रामीण जीवन पटरी से उतर गया है। लोगों को पेयजल की भी किल्लत का सामना करना पड़ रहा है। क्योंकि पेयजल लाइनें अधिक ठंड के कारण जम गई है। जिससे जलापूर्ति बाधित हुई है। इतना ही नहीं ऊंचाई वाले स्थानों पर ठंड से नदी नाले भी जम कर शीशा बने है। पानी के स्रोतों में पानी जमने से शीशे की लंबी-लंबी छड़ी बन गई है। इतना ही नहीं ठंड के कारण घास पत्ती में भी बर्फ की परत जमने लगी है। लोग दिन में आग ताप कर समय निकाल रहे है।
ठंड से बचने के लिए लोग जंगल से लकड़ी खोज कर लाने में मशगूल है। इस हालत में पहाड़ों का जीवन अस्त-व्यस्त हो कर रह गया है। लोगों का घरों से बाहर निकलना मुश्किल हो गया है। यहां तक की लोगों की आवाजाही भी मार्गों पर सीलन वाले स्थानों में बर्फ की परत जमने से फिसलन का खतरा हो गया है। सविता नेगी ने बताया की आजकल इतनी सर्दी है की सुबह शाम बाहर निकलना मुश्किल हुआ है। पानी की पाइपें अधिक ठंड से जम गई है। नदी नाले भी अब जमने लगे है।