Himachal Budget 2024: खेत-खलिहान-किसान पर फोकस, दूध का न्यूनतम समर्थन मूल्य बढ़ाया

Edited By Vijay, Updated: 17 Feb, 2024 08:19 PM

himachal budget 2024

सीएम सुक्खू का दूसरा बजट प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने पर फोकस है। बजट में मुख्यमंत्री ने किसानों की आय बढ़ाने व स्वरोजगार के लिए 680 करोड़ रुपए की राजीव गांधी प्राकृतिक खेती स्टार्टअप योजना की घोषणा की है।

शिमला (भूपिन्द्र): सीएम सुक्खू का दूसरा बजट प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने पर फोकस है। बजट में मुख्यमंत्री ने किसानों की आय बढ़ाने व स्वरोजगार के लिए 680 करोड़ रुपए की राजीव गांधी प्राकृतिक खेती स्टार्टअप योजना की घोषणा की है। पहले चरण में प्रत्येक पंचायत से 10 किसानों को जहर मुक्त खेती के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। योजना से जुड़ने वाले व यूरिया और अन्य खाद के स्थान पर गोबर का प्रयोग करने वालों से प्रति परिवार 20 क्विंटल अनाज न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर खरीदा जाएगा। प्राकृतिक रूप से उगाई गेहूं व मक्की के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य घोषित, गेहूं 40 रुपए व मक्की 30 रुपए प्रति किलोग्राम के एमएसपी पर खरीदा जाएगा। यह एमएसपी पूरे देश में सबसे अधिक।15 हजार एकड़ भूमि को वैब पोर्टल के माध्यम से प्राकृतिक खेती के रूप में सर्टिफाई किया जाएगा। इसके लिए 10 नए किसान उत्पादक संगठन गठित किए जाएंगे। किसानों को फैंसिंग के लिए 10 करोड़ रुपए की सहायता दी जाएगी।

3 नई मंडियों का निर्माण व 15 पुरानी मंडियां होंगी अपग्रेड
बजट में 3 नई मंडियों के निर्माण व 15 पुरानी मंडियों को अपग्रेड का ऐलान किया गया है। जिला शिमला में मेहंदली व शिलारू तथा कुल्लू जिला में बंदरोल में नई मंडियों का निर्माण किया जाएगा। सिरमौर में पांवटा साहिब, खेरी, घंडूरी व नौहराधार, कुल्लू में चौरीबिहाल, पतलीकूहल व खेगसू, मंडी में टकोली और कांगनी, कांगड़ा में जसूर, पासू व पालमपुर तथा सोलन में परवाणू, कुनिहार व वाकनाघाट मंडियों को अपग्रेड करने की घोषणा की गई है। हिमाचल प्रदेश कृषि मिशन के तहत 3 से 5 वर्ष में 2500 कृषि कलस्टर समूहों को समान रूप से विकसित किया जाएगा। इसमें जलवायु के आधार पर हाई वैल्यू फसलों को बढ़ावा दिया जाएगा। जायका के दूसरे चरण में 50000 हैक्टेयर अतिरिक्त भूमि को सब्जी उत्पादन के अंतर्गत लाया जाएगा। 

एपीएमसी के यार्ड होंगे डिजिटल, कृषि पोर्टल व मोबाइल एप बनेगा
कृषि उपज मंडी समितियों के यार्डों तथा राज्य कृषि विपणन बोर्ड की कार्यप्रणाली को डिजिटल बनाया जाएगा। किसानों की सुविधा के लिए सूचना एवं प्रौद्योगिकी विभाग व एचपीएसआईडीसी के तकनीकी सहयोग से चैट बॉक्स व एआई आधारित भू-अभिलेख, हैल्पडैस्क तथा किसानों के डेटाबेस सहित एक वैब आधारित कृषि पोर्टल व मोबाइल एप बनाया जाएगा। किसानों को उचित गुणवत्ता की पौध व आवश्यक प्रशिक्षण देने के लिए सैंटर ऑफ एक्सीलैंस फॉर वैजिटेबल नर्सरी प्रोडक्शन खोला जाएगा, जो एक वर्ष में 8 से 10 लाख पौधे मुहैया करवाएगा। कांगड़ा के भट्टू, सोलन में बेरटी व सिरमौर भंगाणी फार्म को अपग्रेड किया जाएगा।

गाय का दूध 45 रुपए और भैंस के दूध का मूल्य 55 रुपए प्रति लीटर
बजट में 1 अप्रैल, 2024 से दूध के न्यूनतम समर्थन मूल्य में 7 से 8 रुपए की बढ़ौतरी की गई है। इसके तहत गाय के दूध का मूल्य 38 रुपए से बढ़ाकर 45 रुपए प्रति लीटर तथा भैंस के दूध के मूल्य को 47 रुपए से बढ़ाकर 55 रुपए प्रति लीटर किया गया है। दुग्ध उत्पादन सोसायटियों से एपीएमसी द्वारा ली जाने वाली फीस माफ की गई है। पशुपालन को लेकर नए कौशल प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू किए जाएंगे।जिला कांगड़ा के ढगवार में हिम गंगा योजना के तहत 1.5 लीटर क्षमता का मिल्क प्रोसैसिंग प्लांट स्थापित होगा। ऊना व हमीरपुर में आधुनिक मिल्क प्रोसैसिंग प्लांट स्थापित होंगे। युवाओं को 50 फीसदी उपदान पर 200 रैफ्रीजरेटिड मिल्क वैन मुहैया करवाई जाएगी। दाड़लाघाट में कृत्रिम गर्भाधान प्रशिक्षण केंद्र स्थापित होगा। ऊना के बसाल में डेनमार्क के तकनीकी सहयोग से 44 करोड़ की लागत से उत्कृष्टता केंद्र स्थापित किया जाएगा। नैशनल डेयरी प्लान-2 के तहत राज्य में दूध की उत्पादकता को बढ़ाने के लिए विस्तृत कार्ययोजना तैयार की जाएगी। 

भेड़-बकरियों की होगी एफएमडी वैक्सीनेशन
भेड़-बकरियों के लिए एफएमडी वैक्सीनेशन शुरू करने व ऊन की समस्याओं के समाधान के लिए भेड़-बकरी पालक प्रोत्साहन योजना शुरू की जाएगी। बेसहारा पशुओं की समस्या के निदान के लिए एक राज्य स्तरीय टास्क फोर्स का गठन किया जाएगा, जो 3 माह में अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंपेगी। निजी गौसदनों में आश्रित गौवंश के लिए दिए जाने वाले अनुदान को 700 रुपए से बढ़ाकर 1200 रुपए प्रति माह किया।

आने वाले सेब सीजन से यूनिवर्सल कार्टन होगा लागू
12 करोड़ की लागत से राज्य में एक बागवानी उत्कृष्टता केंद्र स्थापित होगा जो गुणवत्ता, कौशल तथा बाजार से संबंधित आवश्यकताओं के लिए वन स्टॉप रिसोर्स सैंटर के रूप में कार्य करेगा। राज्य के सब ट्रोपिकल क्षेत्रों में 2 अत्याधुनिक फ्रूट प्रोसैसिंग यूनिट स्थापित किए जाएंगे। अमरूद, नींबू व अन्य सब ट्रोपिकल फलों को बढ़ावा देने के लिए मदर ट्री व बड वुड बैंक के लिए फाऊंडेशन ब्लॉक स्थापित किया जाएगा। आने वाले सेब सीजन से यूनिवर्सल कार्टन लागू किया जाएगा। ड्रैगन फ्रूट, एवोकाडो, ब्लू बैरी, मैकाडमिया नट आदि हाई रिर्टन फ्रूट की उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए दिशा-निर्देश तैयार किए जाएंगे।

हॉल्टीकल्चर टूरिज्म को बढ़ावा
हॉल्टीकल्चर टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए ग्रामीण विकास, उद्यान विभाग व पर्यटन विभाग के माध्यम से एक ठोस नीति तैयार की जाएगी। इसके तहत इच्छुक बागवानों को प्रशिक्षण व अन्य सहायता मुहैया करवाई जाएगी।
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