Water Safety Plan बनाने वाला देश का पहला राज्य बना हिमाचल

Edited By Vijay, Updated: 18 May, 2018 11:11 PM

himachal becomes first state in country to form water safety plan

प्रदेशवासियों को साफ और शुद्ध पेयजल मुहैया करवाने के लिए वाटर सेफ्टी प्लान बनाने वाला हिमाचल प्रदेश देश का पहला राज्य बन गया है। अभी तक देश के किसी भी राज्य में पेयजल को लेकर ऐसा प्लान नहीं बन पाया है।

मंडी (पुरुषोत्तम): प्रदेशवासियों को साफ  और शुद्ध पेयजल मुहैया करवाने के लिए वाटर सेफ्टी प्लान बनाने वाला हिमाचल प्रदेश देश का पहला राज्य बन गया है। अभी तक देश के किसी भी राज्य में पेयजल को लेकर ऐसा प्लान नहीं बन पाया है। हालांकि विश्व स्वास्थ्य संगठन ने दुनिया भर के लोगों को साफ  एवं शुद्ध पेयजल मुहैया करवाने के निर्देश दिए हैं। देश में हैदराबाद में एक पेयजल योजना के लिए वाटर सेफ्टी प्लान बनाया गया है मगर इसे पूरे प्रदेश में लागू करने वाला हिमाचल प्रदेश पहला राज्य बन गया है। अभी तक प्रदेश में ग्रामीण क्षेत्रों में प्रति व्यक्ति 70 लीटर प्रतिदिन और 120 से 135 लीटर प्रति व्यक्ति प्रतिदिन की तर्ज पर पानी मुहैया करवाया जा रहा है। इस समय सिंचाई एवं जन स्वास्थ्य विभाग 9360 पेयजल योजनाओं के माध्यम से ग्रामीण और शहरी आबादी को पेयजल मुहैया करवा रहा है।


जलजनित रोगों से बचाव को शुद्ध पेयजल
शिमला पेयजल भंडारण टैंक में मासूम बच्चे की लाश मिलने के बाद से आई.पी.एच. महकमा अब सतर्क  हो गया है। पेयजल भंडारण टैंकों की साल में 2 बार साफ-सफाई के अलावा क्लोरीनेशन किए जाने के अलावा पेयजल स्कीमों के कैचमैंट एरिया पर निगरानी रखी जाएगी। इन क्षेत्रों में निर्माण कार्यों के दौरान होने वाले खुला शौच, चरागाहों की गंदगी, मिट्टी और गाद के अलावा मरे हुए जानवरों के अवशेष पेयजल में शामिल न हों। इसके लिए पहले दौर में डब्ल्यू.एच.ओ. से प्रशिक्षित मास्टर ट्रेनर्ज की ओर से जोन स्तर पर अभियंताओं को प्रशिक्षण दिया जा रहा है। यह प्रक्रिया 5 जून तक पूरी की जाएगी, जिसमें पेयजल योजनाओं को सुरक्षित रखने के उपायों पर चर्चा की जाएगी, वहीं इस योजना को ग्रॉसरूट पर लागू करने के बारे भी विचार-विमर्श होगा।


कैचमैंट एरिया से उपभोक्ता तक निगरानी
जलजनित रोगों से प्रदेश वासियों को बचाने के लिए पेयजल योजनाओं के कैचमैंट एरिया से कंज्यूमर तक पहुंचने की सारी प्रक्रिया पर निगरानी रखी जाएगी, जिसमें सबसे पहले संवेदनशील एरिया चिन्हित किए जाएंगे। वर्तमान में प्रदेश में ऐसे 74 संवेदनशील स्थान चिन्हित किए गए हैं। जहां सबसे पहले कार्य शुरू किया जाएगा। इसके लिए आई.पी.एच. विभाग की ओर से स्वास्थ्य, ग्रामीण विकास महकमें के अलावा उपभोक्ताओं को सर्वे में शामिल कर पेयजल योजनाओं के संवेदनशील और सामान्य स्थलों की पहचान कर। उनका बाकायदा डाक्यूमैंट तैयार किया जाएगा। जो हर जे.ई. के पास उपलब्ध रहेगा इससे उन्हें अपने क्षेत्र की पेयजल योजनाओं के बारे में जानकारी मिल सकेगी।


सुरक्षित एवं शुद्ध पेयजल मुहैया करवाना प्राथमिकता में शामिल
डब्ल्यू.एच.ओ. के चीफ इंजीनियर हरिपाल सिंह ने बताया कि डब्ल्यू.एच.ओ. के मानकों पर खरा उतरने के लिए हिमाचल सरकार एवं आई.पी.एच. मंत्री के निर्देशानुसार हिमाचल प्रदेश में वाटर सेफ्टी प्लान पहली बार तैयार किया जा रहा है। अब तक लोगों को पेयजल उपलब्ध करवाना लक्ष्य था मगर अब सुरक्षित एवं शुद्ध पेयजल हर उपभोक्ता को मुहैया करवाना प्राथमिकता में शामिल है। जिसके लिए प्रशिक्षण की प्रक्रिया 5 जून तक जारी रहेगी। इसके बाद जमीनी स्तर पर इसे लागू किया जाना है।

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