Edited By Ekta, Updated: 10 Jun, 2018 04:01 PM
भाखड़ा ब्यास मैनेजमेंट बोर्ड (बीबीएमबी) में हिस्सेदारी के मामले में हिमाचल सरकार सख्त हो गई है। इस मामले को रज्य सरकार एक बार फिर से पंजाब सरकार के सामने उठाने की तैयारी में है। ऊर्जा मंत्री अनिल शर्मा ने कहा कि वह इस मामले को लेकर पंजाब सरकार को...
शिमला: भाखड़ा ब्यास मैनेजमेंट बोर्ड (बीबीएमबी) में हिस्सेदारी के मामले में हिमाचल सरकार सख्त हो गई है। इस मामले को रज्य सरकार एक बार फिर से पंजाब सरकार के सामने उठाने की तैयारी में है। ऊर्जा मंत्री अनिल शर्मा ने कहा कि वह इस मामले को लेकर पंजाब सरकार को पत्र लिखकर स्थिति स्पष्ट करने का आग्रह करेंगे। उन्होंने कहा कि हिमाचल के पंजाब के साथ अच्छे संबंध हैं। वह इस मामले को सौहार्दपूर्ण माहौल में बातचीत के जरिए सुलझाएेंगे। जनवरी महीने में बीबीएमबी पर दोनों राज्यों के अधिकारियों के बीच कई बैठकें हुई थी। हिमाचल 7.19 फीसदी की हिस्सेदारी मांग रहा है।
जानिए पूरा मामला
हिमाचल कई सालों से इस मामले पर अपना हक जता रहा है। 2011 में सुप्रीम कोर्ट ने आदेश जारी कर प्रदेश के 7.19 प्रतिशत हिस्से के दावे को सही ठहराया था। उन्होंने इस दौरान कहा था कि पंजाब री-ऑर्गेनाइजेशन एक्ट 1966 के तहत यहां पर पड़ने वाले बीबीएमबी के प्रोजेक्ट्स में प्रदेश का 7.19 प्रतिशत हिस्सा बनता है। पहले इनको सिर्फ 2.50 ही मिलता था। खास बात यह है कि कोर्ट के फैसले के बाद पंजाब, हरियाणा, राजस्थान पर 4249 करोड़ एरियर देने का दावा भी ठोका था। बता दें कि मुख्यमंत्री जयराम ने हाल ही में इस मुद्दे को पंजाब के सामने उठाया था। जिस पर पंजाब ने कई शर्ते मानी थी। इसमें एक शर्त यह थी कि पंजाब इसे एरियर के रूप में 15 सालों तक अतिरिक्त बिजली के रूप में देने को तैयार हुआ था।
चंडीगढ़ में हो चुकी है इस मुद्दे पर चर्चा
ऊर्जा मंत्री अनिल शर्मा ने बताया कि पिछले महीने मुख्यमंत्री ने चंडीगढ़ में इस मामले पर चर्चा की थी। बावजूद इसके बात अभी तक आगे नहीं बढ़ी है। सरकार दोबारा इस मामले को पंजाब सरकार के समक्ष उठाने जा रही है।