भूमि अधिग्रहण के मुआवजे संबंधी अवार्ड को चुनौती देने के लिए तय समय सीमा संवैधानिक : हाईकोर्ट

Edited By Vijay, Updated: 29 Jan, 2023 10:41 PM

highcourt shimla

भूमि अधिग्रहण के मुआवजे संबंधी अवार्ड को चुनौती देने के लिए तय समय सीमा संवैधानिक है। प्रदेश हाईकोर्ट ने भू-अधिग्रहण अधिनियम की धारा 18 और 28ए के तहत निर्धारित समय सीमा को असंवैधानिक घोषित करने की मांग को खारिज करते हुए यह महत्वपूर्ण व्यवस्था दी।

शिमला (मनोहर): भूमि अधिग्रहण के मुआवजे संबंधी अवार्ड को चुनौती देने के लिए तय समय सीमा संवैधानिक है। प्रदेश हाईकोर्ट ने भू-अधिग्रहण अधिनियम की धारा 18 और 28ए के तहत निर्धारित समय सीमा को असंवैधानिक घोषित करने की मांग को खारिज करते हुए यह महत्वपूर्ण व्यवस्था दी। मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने याचिकाकर्ताओं की दलीलों से असहमति जताते हुए यह फैसला सुनाया। 

प्रार्थियों ने भू-अधिग्रहण अधिनियम के तहत भू-अधिग्रहण अधिकारी द्वारा पारित अवार्ड को रैफरैंस के माध्यम से चुनौती देने के लिए निर्धारित समय सीमा को असंवैधानिक घोषित करने की मांग की थी। प्रार्थियों का कहना था कि भू-अधिग्रहण के अवार्ड से असंतुष्ट होने पर रैफरैंस भेजने के लिए आवेदन करने की तय समय सीमा संवैधानिक नहीं है। इन प्रावधानों से भूमि के उचित मार्कीट मूल्य पाने के उनके मौलिक अधिकारों का हनन हो रहा है। प्रार्थियों का कहना था कि जब एक ही अधिसूचना के तहत किसी विशेष क्षेत्र में भूमि का अधिग्रहण किया जाता है तो सभी संबंधित भू मालिकों को एक बराबर मुआवजा मिलना चाहिए। प्रार्थियों के अनुसार उनकी तरह कुछ मामलों में संबंधित भू-मालिक अवार्ड को अधिनियम के अनुसार तय समय सीमा के भीतर चुनौती अथवा पुन: मूल्यांकन के लिए आवेदन नहीं कर पाते हैं। जो लोग अवार्ड को चुनौती देने के पश्चात मुआवजा बढ़ाने में सफल हो जाते हैं, ऐसी स्थिति में उन भू-मालिकों को भी बढ़े हुए मुआवजे का लाभ मिलना चाहिए जो अवार्ड को समय रहते चुनौती देने में असफल रहे। 

कोर्ट ने प्रार्थियों की दलीलों से असहमति जताते हुए स्पष्ट किया कि संविधान के तहत भू-अधिग्रहण के लिए उचित मुआवजा प्रदान करने के लिए प्रावधान बनाने की व्यवस्था करने का दायित्व सरकार को सौंपा है। सरकार ने भू-अधिग्रहण अधिनियम के तहत मुआवजे का प्रावधान बनाकर संवैधानिक दायित्व का निर्वहन किया है। जहां तक मुआवजे से असंतुष्ट होने की बात है तो संबंधित मालिक को यह अधिकार भी दिया गया है कि वह निर्धारित समय के भीतर अवार्ड को चुनौती दें। कोर्ट ने निर्धारित समय सीमा को संवैधानिक ठहराते हुए कहा कि समय सीमा न होने से अंतहीन विवाद जन्म लेंगे और भू अधिग्रहण की स्थिर स्थिति को अस्थिर बना देंगे।

हिमाचल की खबरें Twitter पर पढ़ने के लिए हमें Join करें Click Here
अपने शहर की और खबरें जानने के लिए Like करें हमारा Facebook Page Click Here

Related Story

Trending Topics

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!