Edited By Rahul Rana, Updated: 26 Jul, 2024 03:39 PM
स्वास्थ्य विभाग स्क्रब टायफस को लेकर सतर्क हो गया है और महत्वपूर्ण निर्देश जारी भी किए गए है। विभाग ने सभी स्वास्थ्य खंड अधिकारियों को स्क्रब टायफस को लेकर सतर्क रहने के निर्देश दिए हैं। हालांकि, जिले में अभी तक स्क्रब टायफस का कोई मामला सामने नहीं...
ऊना। स्वास्थ्य विभाग स्क्रब टायफस को लेकर सतर्क हो गया है और महत्वपूर्ण निर्देश जारी भी किए गए है। विभाग ने सभी स्वास्थ्य खंड अधिकारियों को स्क्रब टायफस को लेकर सतर्क रहने के निर्देश दिए हैं। हालांकि, जिले में अभी तक स्क्रब टायफस का कोई मामला सामने नहीं आया है। विभाग ने अधिकारियों को जिले के अस्पतालों में स्क्रब टायफस के लक्षणों के साथ आने वाले मरीजों के एहतियातन टेस्ट करवाने के भी निर्देश दिए हैं।
विभागी अधिकारियों ने दी जानकारी
विभागी अधिकारियों ने बताया कि स्क्रब टायफस का बैक्टीरिया जुलाई से नवंबर के बीच सक्रिय होता है। उन्होंने कहा कि सामान्य तौर पर स्क्रब टायफस का लक्षण तेज बुखार होता है। इसकी वजह चूहों में पाया जाने वाला एक माइट होता है। माइट रिकेटशिया जीवाणु का वाहक होता है।
ये जीवाणु खेतों, झाड़ियों और घास में रहने वाले चूहों में पनपता है। इसके बाद चमड़ी के माध्यम से यह शरीर में प्रविष्ट होता है। स्क्रब टायफस होने पर मरीज को बुखार 104 और 105 डिग्री सेल्सियस तक हो जाता है। इससे बचाव के लिए घास और झाड़ियों में काम करते हुए लोगों को अपने शरीर को पूरी तरह से ढकना चाहिए।
जिले में दो जगह होते है टेस्ट
जिले में दो जगह टेस्टिंग की सुविधा है। इनमें क्षेत्रीय अस्पताल ऊना और वीडीआरएल लैब पालकवाह शामिल है। विभाग के द्वारा लोगों से अपील की गई है कि स्क्रब टायफस के लक्षण दिखने पर नजदीक के अस्पताल में जांच करवाएं।