Edited By prashant sharma, Updated: 07 Dec, 2021 12:08 PM
नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री ने ऊना में पत्रकारवार्ता कर हिमाचल प्रदेश में सत्तासीन जयराम सरकार पर ताबड़तोड़ आरोप जड़े है। मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि सरकार करोड़ां रूपये की संपत्तियों को निजी हाथों में लुटाने में जुट गई है।
ऊना (अमित शर्मा) : नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री ने ऊना में पत्रकारवार्ता कर हिमाचल प्रदेश में सत्तासीन जयराम सरकार पर ताबड़तोड़ आरोप जड़े है। मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि सरकार करोड़ां रूपये की संपत्तियों को निजी हाथों में लुटाने में जुट गई है। उन्होंने कहा कि पहले सरकार भारी भरकम कर्ज लेकर भवन बना रही है और अपने चहेतों को लाभ पहुंचने के लिए बाद में उन्हीं भवनों को निजी हाथों में सौंप रही है। मुकेश ने कहा कि सरकार ने पहले भी पर्यटन विभाग की कई बड़ी संपत्तियों को बेचने का प्रयास किया था लेकिन जब विपक्ष ने उस मामले को उठाया तो सरकार ने इस मामले से पूरी तरह पल्ला झाड़ लिया था। मुकेश ने कहा कि विपक्ष प्रदेश की संपत्तियों को निजी हाथों में देने का विरोध करती है। उन्होंने कहा कि एक तरह केंद्र की सरकार सरकारी संपत्तियों को बेचने पर तुली है वहीं अब प्रदेश की भाजपा सरकार भी उस राह पर चल पड़ी है।
जैसे जैसे हिमाचल प्रदेश में विधानसभा चुनावों का समय नजदीक आ रहा है वैसे वैसे विपक्ष प्रदेश सरकार को घेरने में कोई भी मौका हाथों से जाने नहीं देना चाह रहा है। अब नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री ने एक बार फिर जयराम सरकार पर जमकर जुबानी हमला बोला है। मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि प्रदेश की जयराम सरकार सरकारी संपत्तियों को निजी हाथों में देने का काम कर रही है। मुकेश अग्निहोत्री ने आरोप लगाया कि सरकार ने कैबिनेट की बैठक में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के विधानसभा क्षेत्र व गृह जिला की दो सरकारी संपत्तियों को निजी हाथों में देने का निर्णय किया है। मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि जंजैहली में सांस्कृतिक केंद्र को ग्लोबल प्रमोटर चंडीगढ़ तथा मंडी में बने सुविधा केंद्र के संचालन को दिल्ली की दो कम्पनियों को देने का निर्णय किया गया है। उन्होंने कहा कि इसके अलावा मनाली व सोलन में बन रही संपत्तियों को भी निजी हाथों में देने की तैयारी शुरू कर दी गई है। उन्होंने कहा कि इससे पहले भी सरकार ने बेशकीमती होटलों को बेचने की तैयारी की थी लेकिन कांग्रेस के विरोध के बाद सरकार को पीछे हटना पड़ा था।