हिमाचल में सबसे कम उम्र में SP बन कर फिर बद्दी लौटे गौरव सिंह

Edited By Punjab Kesari, Updated: 18 Jan, 2018 02:08 PM

gaurav singh returned to baddi

हिमाचल में सबसे कम उम्र में एस.पी. बनने वाले आई.पी.एस. गौरव सिंह को एक बार फिर औद्योगिक नगरी बद्दी की कमान सौंपी गई है। 2013 बैच के आई.पी.एस. अधिकारी पहले भी बद्दी में बतौर ए.एस.पी. सेवाएं दे चुके हैं। उनका यह कार्यकाल खनन व नशा माफिया को सबक सिखाने...

बी.बी.एन. (शेर सिंह): हिमाचल में सबसे कम उम्र में एस.पी. बनने वाले आई.पी.एस. गौरव सिंह को एक बार फिर औद्योगिक नगरी बद्दी की कमान सौंपी गई है। 2013 बैच के आई.पी.एस. अधिकारी पहले भी बद्दी में बतौर ए.एस.पी. सेवाएं दे चुके हैं। उनका यह कार्यकाल खनन व नशा माफिया को सबक सिखाने वाला रहा था। इस अधिकारी की कार्यप्रणाली की जनता प्रशंसा करती है तथा बी.बी.एन. के जनप्रतिनिधि व लोग चाहते थे कि वे यहां पर एस.पी. लगें ताकि नशा व खनन माफिया पर लगाम लग सके।

यह है परिचय
गौरव सिंह का जन्म 1 जुलाई, 1990 को आगरा में एक साधारण परिवार में हुआ है। उनके पिता का नाम बी. सिंह और माता का नाम किरण देवी हैं। गौरव शिमला, बद्दी व कांगड़ा में बतौर ए.एस.पी. सेवाएं दे चुके हैं तथा वर्तमान में लाहौल-स्पीति के कप्तान थे, जिनका बुधवार को सरकार ने बद्दी के लिए तबादला कर दिया है। 


ऐसा रहा था कार्यकाल
बद्दी में बतौर ए.एस.पी. गौरव सिंह ने अपने 7 महीनों के कार्यकाल में अवैध खनन के 177 मामले पकड़े व करीब 26 लाख रुपए जुर्माना वसूला था। इसी तरह ड्रग्स के 13 व अवैध शराब के कारोबार के 75 मामले पकड़े थे। बद्दी में अपने कार्यकाल में गौरव सिंह ने ए.टी.एम. से नकदी चोरी, चेन स्नैचिंग व मर्डर के 2 मामलों को भी सुलझाया था। उन्होंने बिना किसी दबाव के यहां पर कार्य किया और विधायक की पत्नी के टिप्पर का चालान कर दिया था। बद्दी में विधायक की पत्नी के टिप्पर का चालान करने के तुरंत बाद सरकार नेपदोन्नत कर कांगड़ा में बतौर ए.एस.पी. तैनाती दे थी।  


ईमानदारी है पहचान
ईमानदारी के लिए पूरे देश में जानी जाने वाली हिमाचल पुलिस के दामन पर कोई धब्बा न लग जाए, ऐसा गौरव सिंह बर्दाश्त नहीं कर सकते और इसीलिए उन्होंने अब तक सही ढंग से नौकरी न करने वाले 26 पुलिस व होमगार्ड जवानों पर कार्रवाई की है, जिनमें 22 लाहौल-स्पीति और 4 बद्दी के शामिल हैं। 


गलत को छोड़ा नहीं जाना चाहिए
गौरव सिंह कहते हैं कि गलत को छोड़ा नहीं जाना चाहिए और सही को गलत फंसाया नहीं जाना चाहिए। सही करते हुए डरना नहीं चाहिए क्योंकि सही का साथ सभी देते हैं। ऐसी सोच के साथ आगे बढ़ रहे गौरव सिंह का विजन हिमाचल पुलिस के मोटो निर्भय, सत्यनिष्ठ व निष्पक्ष के आधार पर कार्य करने का है। 


डी.जी.पी. डिस्क अवार्ड मिल चुका है  
गौरव सिंह को 30 जून, 2017 को तत्कालीन डी.जी.पी. संजय कुमार ने डी.जी.पी. डिस्क आवार्ड से सम्मानित किया था। उन्हें यह अवार्ड वर्ष 2015 में जिला शिमला के बालूगंज में ब्लाइंड मर्डर को सुलझाने व ओवरआल गुड वर्किंग के लिए मिला था। 

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