जिला में फ्रंटलाइन वर्कर ही नहीं दिखा रहे बूस्टर डोज लगाने में रूचि

Edited By Jinesh Kumar, Updated: 07 Jun, 2022 12:36 PM

frontline workers are not showing interest in applying booster dose

कोविड-19 से बचाव के लिए स्वास्थ्य विभाग के टीकाकरण की बूस्टर डोज लगवाने से फ्रंट लाईन वर्कर ही कतरा रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग ने एहतियात के तौर बूस्टर डोज लगाने के अभियान का 10 जनवरी 2022 से आरंभ किया था। इसमें 60 वर्ष की आयु से अधिक पात्रों और फील्ड...

धर्मशाला (तनुज): कोविड-19 से बचाव के लिए स्वास्थ्य विभाग के टीकाकरण की बूस्टर डोज लगवाने से फ्रंट लाईन वर्कर ही कतरा रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग ने एहतियात के तौर बूस्टर डोज लगाने के अभियान का 10 जनवरी 2022 से आरंभ किया था। इसमें 60 वर्ष की आयु से अधिक पात्रों और फील्ड में फ्रंट लाईन में सेवाएं देने के लिए जुटे विभिन्न कर्मचारियों को यह डोज निशुल्क लगाई जा रही है। लेकिन इस बूस्टर डोज के लिए फ्रंट लाईन के यह कर्मचारी ही इसमें रूचि नहीं दिखा रहे हैं। इससे स्वास्थ्य विभाग के कोविड-19 से बचाव को चलाए गए अभियान पर भी ब्रेक लग रही है। विभाग अपनी ओर से लोगों को जागरूक तो कर रहा है लेकिन इसके बाद भी पात्र लोग रूचि नहीं दिखा रहे हैं। जिला में अभी तक 80,662 लोगों ने ही बूस्टर डोज लगाई है। यदि बात करें फ्रंट लाईन वर्कर की ही तो अभियान के शुरू होने तक यह आंकड़ा 2 लाख से पार होना था। 
पैसे खर्च करने से भी परहेज कर रहे लोग
बूस्टर डोज लगाने के लिए फ्रंट लाईन वर्कर ही नहीं बल्कि दूसरे पात्र लोग भी रूचि नहीं दिखा रहे हैं। दूसरी डोज लगाने के 9 महीनों बाद यह बूस्टर डोज लगाई जा रही है। इसके लिए विभाग की तरफ से बाकायदा 3 निजी अस्पतालों को इस टीकाकरण के लिए निर्धारित किया है। इसमें स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से 386 रुपए निर्धारित किए हैं। ऐसे में लोग अब पैसे खर्च करने से परहेज कर रहे हैं। हालांकि विदेश जाने वाले लोगों ने भी टीकाकरण करवाया है। 
जिला में इतने लोगों को लगी पहली व दूसरी डोज
जिला कांगड़ा में 13,63,604 लोगों ने पहली डोज लगाई जबकि 13,06,655 को दूसरी डोज लगी है। इसके अलावा 80,662 पात्र लोगों ने एहतियातन तीसरी डोज अभी तक लगाई है। 
23 पहुंचा कोरोना एक्टिव मरीजों का आंकड़ा
जिला कांगड़ा में पिछले कुछ दिनों से कोरोना पॉजिटिव एक्टिव मरीजों के आंकड़े में हल्की वृद्धि भी दर्ज की गई है। जून माह के शुरू होने तक जिला में जहां एक्टिव मरीजों का आंकड़ा 10 था वो 6 जून तक 23 पहुंच गया। इन्फ्यूलेंजा लाईक इलनेस के लक्षण वाले मरीजों को कोविड टेस्ट के लिए कहा जा रहा है लेकिन लोग टेस्ट करवाने से भी परहेज कर रहे हैं। जिला में प्रतिदिन अब कोरोना के 500 से 600 तक ही सैंपल टेस्ट को लिए जा रहे हैं। 

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