Edited By prashant sharma, Updated: 07 Aug, 2020 03:15 PM
कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच राज्य सरकारों को बड़ा झटका लगा है। कोविड टेस्ट के लिए केंद्र सरकार की ओर से मिलने वाली वित्तीय मदद अब बंद हो जाएगी और राज्य सरकारों को अपने खर्च पर ही टेस्ट कराना होंगे।
शिमला : कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच राज्य सरकारों को बड़ा झटका लगा है। कोविड टेस्ट के लिए केंद्र सरकार की ओर से मिलने वाली वित्तीय मदद अब बंद हो जाएगी और राज्य सरकारों को अपने खर्च पर ही टेस्ट कराना होंगे। यानी कोविड टेस्ट के लिए जरूरी किट अपने खर्च पर खरीदनी होगी। केंद्र सरकार 31 अगस्त तक ही कोविड-19 टेस्ट के लिए जरूरी टेस्ट किट उपलब्ध कराएगा।
वर्तमान परिस्थितियों में में कोविड 19 के लिए आरटीपीसीआर टेस्ट जरूरी है। इस एक टेस्ट पर करीब 2500 रुपये खर्च आता है। एक किट में आरएनए-एक्स्ट्रैक्शन और वीटीएम सहित तीन कंपोनेंट होते हैं। यह पूरी किट पहले आईसीएमआर के माध्यम से केंद्र सरकार प्रदेशों को उपलब्ध करवाती थी। अतिरिक्त मुख्य सचिव स्वास्थ्य आरडी धीमान ने कहा कि केंद्र ने सभी राज्यों के लिए यह पॉलिसी तैयार की है।
हिमाचल सरकार ने टेस्टिंग किट के लिए टेंडरिंग प्रक्रिया आरंभ कर दी है। निदेशक स्वास्थ्य को पूरी प्रक्रिया को अंजाम देने को कहा गया है। आरडी धीमान, अतिरिक्त मुख्य सचिव स्वास्थ्य का कहना है कि हिमाचल कोविड 19 टेस्ट का बोझ जनता पर नहीं डालेगी। पहले ही तरह ही टेस्ट मुफ्त में होते रहेंगे।
1 सिंतबर से प्रदेश अपने खर्च पर कोविड 19 टेस्ट होंगे। अब तक केंद्रीय मदद से 1 लाख 56 हजार 104 टेस्ट किए जा चुके हैं। इनमें 1 लाख 51 हजार 154 की रिपोर्ट नेगेटिव, 2916 पॉजिटिव और 1762 डिस्चार्ज हो चुके हैं। हिमाचल में प्रतिदिन 3 हजार से ज्यादा कोविड 19 टेस्ट हो रहे हैं, जो आने वाले समय में 4 हजार तक पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया है। ऐसे में अगर बिमारी लंबी खिंचती है तो उस स्थिति में प्रदेश सरकार को दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है।