Edited By Punjab Kesari, Updated: 10 Dec, 2017 11:16 AM
चंबा जिला में चलने वाली निगम और प्राइवेट बसों में अग्रिशमन यंत्रों का अभाव है, ऐसे में एक छोटी सी चिंगारी भी विकराल रूप धारण कर यात्रियों की जान को खतरे में डाल सकती है। परिवहन निगम के निर्देशों के बावजूद इन आदेशों की निजी बस मालिकों और एच.आर.टी.सी....
चंबा: चंबा जिला में चलने वाली निगम और प्राइवेट बसों में अग्रिशमन यंत्रों का अभाव है, ऐसे में एक छोटी सी चिंगारी भी विकराल रूप धारण कर यात्रियों की जान को खतरे में डाल सकती है। परिवहन निगम के निर्देशों के बावजूद इन आदेशों की निजी बस मालिकों और एच.आर.टी.सी. द्वारा सरेआम धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। चौंकाने वाली बात है कि जिला में 180 के करीब एच.आर.टी.सी. की बसें विभिन्न रूटों पर दौड़ती हैं। इनमें 130 साधारण बसें जबकि 50 जे.एन.यू.आर.एम. के तहत प्राप्त हुई बसें शामिल हैं। इसके अलावा सैकड़ों के हिसाब से छोटी-बड़ी प्राइवेट बसें भी जिला चम्बा के विभिन्न रूटों सहित बाहरी जिलों के लिए दौड़ती हैं।
प्रशिक्षण भी नहीं दिया गया
इसके अलावा अगर कुछ बसों में अग्रिशमन यंत्र लगे भी हैं तो उन्हें कैसे प्रयोग में लाना है, इस बारे चालक-परिचालक पूरी तरह से अनजान हैं। निगम और निजी बस आप्रेटरों व चालकों और परिचालकों को फायर उपकरणों के साथ सामान्य प्रशिक्षण तक प्राप्त नहीं है। उन्हें मात्र तभी इन यंत्रों को प्रयोग करने के बारे में सीखने का मौका मिलता है, जब अग्रिशमन विभाग किसी मॉकड्रिल के तहत उन्हें प्रशिक्षण देती है, ऐसे में कई चालक-परिचालक नहीं जानते कि इन यंत्रों को कैसे प्रयोग करना है और आगजनी की स्थिति में कैसे आग पर नियंत्रण पाना है।
चोरी छिपे ले जाते हैं सामान
जानकारी के अनुसार बसों में ज्वलनशील पदार्थों को लाने और ले जाने पर पूरी तरह से मनाही है। बावजूद इसके सवारियां चोरी-छिपे इन पदार्थों को लेकर बसों में सफर करती हैं। इसके अलावा कई लोग बस में धूम्रपान करते हुए भी आम देखे जा सकते हैं, ऐसे में उठी एक छोटी सी चिंगारी भी यात्रियों को नुक्सान पहुंचा सकती है और निगम सहित निजी बसों द्वारा सुरक्षित यात्रा के दावों के बीच यात्री अपने को असुरक्षित महसूस कर रहे हैं।