Edited By kirti, Updated: 16 Apr, 2019 04:35 PM
हिमाचल प्रदेश सरकार एक तरफ जहां नशे को खत्म करने की बात कर रही है। वहीं दूसरी तरफ होटल और रेस्तरां मालिक पर शराब का न्यूनतम कोटा उठाने का दबाव बना रही है। होटल और रेस्तरां मालिकों को सरकार ने नई आबकारी एवं कराधान नीति 2019-20 के नियमों अनुसार 12...
शिमला(योगराज): हिमाचल प्रदेश सरकार एक तरफ जहां नशे को खत्म करने की बात कर रही है। वहीं दूसरी तरफ होटल और रेस्तरां मालिक पर शराब का न्यूनतम कोटा उठाने का दबाव बना रही है। होटल और रेस्तरां मालिकों को सरकार ने नई आबकारी एवं कराधान नीति 2019-20 के नियमों अनुसार 12 बोतलें हर रोज दिन में बेचने का फरमान जारी कर दिया है। शिमला होटल एंड रेस्तरां एसोसिएशन ने बताया कि सरकार ने जो शर्ते रखी है उन्हें हिमाचल प्रदेश के होटल और बार उठाने में असमर्थ है। अगर होटल और बार न्यूनतम कोटा नहीं उठाते हैं तो होटल व बार पर भारी जुर्माना लगाने और लाइसेंस रद्द करने का भी नई आबकारी नीति में प्रावधान किया है जिसका एसोसिएशन विरोध करती है।
एसोसिएशन का कहना है कि हिमाचल प्रदेश पर्यटन के लिए जाना जाता है लेकिन सरकार के इस तरह के फरमान से पर्यटन कारोबार पर भी बुरा असर पड़ेगा।सरकार ने रेस्तरां होटलों और बार में शराब परोसने और बिक्री के लिए लाइसेंस शुल्क में भी अत्यधिक वृद्धि की है जो कम होनी चाहिए। वहीं एसोसिएशन ने कहा है कि अगर सरकार जल्द इस विषय पर कोई राहत नहीं देती है तो वह इस निर्णय के खिलाफ कोर्ट में भी गुहार लगाएंगे। नई आबकारी नीति के नियमों अनुसार होटल और रेस्तरां कारोबारियों को काम करना बेहद मुश्किल हो जाएगा।