बिजली बोर्ड के ऑडिट ने बढ़ाई मुश्किलें, हजारों के बिल आने से उपभोक्ता परेशान

Edited By prashant sharma, Updated: 26 Apr, 2021 03:21 PM

electricity board audit increases difficulties

बिजली बोर्ड द्वारा अप्रैल 2018 से मार्च 2020 तक कुछ उपभोक्ताओं की ऑडिट के बाद हजारों रुपए में एरियर बिल निकाले जाने का ऐलान उपभोक्ताओं के गले नहीं उतर रहा है। हालत यह है कि हर महीने बिजली का बिल चुकता करने के बावजूद लोगों को हजारों रुपए के बिल एरियर...

ऊना (अमित शर्मा) : बिजली बोर्ड द्वारा अप्रैल 2018 से मार्च 2020 तक कुछ उपभोक्ताओं की ऑडिट के बाद हजारों रुपए में एरियर बिल निकाले जाने का ऐलान उपभोक्ताओं के गले नहीं उतर रहा है। हालत यह है कि हर महीने बिजली का बिल चुकता करने के बावजूद लोगों को हजारों रुपए के बिल एरियर के नाम पर थमा दिए गए हैं। जिसके बाद लोगों में बिजली बोर्ड के प्रति काफी रोष व्याप्त है। सोमवार को ऐसे ही उपभोक्ताओं ने ऊना सदर के कांग्रेसी विधायक सतपाल सिंह रायजादा को साथ लेकर बिजली बोर्ड के एसडीओ कार्यालय पर हल्ला बोला। बिजली बोर्ड का तर्क है कि अप्रैल 2018 से मार्च 2020 तक का कुछ लोगों के मीटर डैड, डीफेक्टिव और बर्न स्टेट में रहे हैं। जनवरी 2021 में बिजली बोर्ड द्वारा करवाए गए ऑडिट के दौरान ऐसे ही विद्युत उपभोक्ताओं से एवरेज के आधार पर उस समय की रिकवरी की जा रही है। एक तरफ बिजली उपभोक्ताओं ने बोर्ड के इस निर्णय पर नाराजगी जताई है वहीं विधायक सतपाल सिंह रायजादा ने भी इसे धांधली करार देते हुए विकट परिस्थिति में लोगों की जेब पर डाका डालने की हरकत बताया है। 

बिजली बोर्ड द्वारा विद्युत उपभोक्ताओं को ऑडिट आधार पर रिकवरी के नाम पर थमाए गए हजारों रुपए के बिजली बिल परेशानी का सबब बन चुके हैं। उपभोक्ताओं का कहना है कि वह हर महीने बिजली बिल की अदायगी करते हैं। लेकिन उसके बावजूद बोर्ड द्वारा इतनी बड़ी राशि के बिल आना उनकी समझ से परे है। उपभोक्ताओं का कहना है कि बिजली विभाग ऑडिट का सहारा लेकर उनकी जेब पर सीधे सीधे डाका डाल रहा है। अप्रैल 2018 से लेकर मार्च 2020 तक कि यह रिकवरी उपभोक्ताओं पर थोपना सरासर गलत है। उनका कहना है कि जब से बिजली बोर्ड ने नए बिजली के मीटर उनके घर में लगाए हैं, तब से बिजली के बिल पहले की तुलना में 3 से 4 गुना तक ज्यादा आने लगे हैं। कुछ उपभोक्ताओं का कहना था कि बेतहाशा बिल ठीक करवाने के बावजूद बिजली बोर्ड द्वारा आगामी दिनों में पहले की काटी गई राशि को जमा करके वसूला जा रहा है। 

ऊना सदर के कांग्रेसी विधायक सतपाल सिंह रायजादा ने कहा है कि बिजली बोर्ड धांधली करके विकट परिस्थितियों में भी लोगों की जेब पर डाका डाल रहा है। उन्होंने कहा कि जब लोग हर माह बिजली के बिल जमा करवा रहे हैं तो फिर बिजली बोर्ड कैसे 2 साल पुराने ऑडिट के आधार पर लोगों से अवैध रिकवरी कर सकता है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में सरकार को ऐसी परिस्थिति में जहां लोगों को सहारा देना चाहिए लोगों की जेब पर पड़ने वाले बोझ को कम करना चाहिए वही विभागों के माध्यम से लोगों की जेब काटी जा रही हैं। सरकार और बिजली बोर्ड के इससे फैसले को कतई स्वीकार नहीं किया जाएगा। बिजली बोर्ड के अधिकारियों का कहना है कि अप्रैल 2018 से लेकर मार्च 2020 तक कुछ लोगों के बिजली मीटर डे डिफक्टिव रहे हैं या बन्र्ट स्टेट में रहे हैं। बिजली बोर्ड द्वारा जनवरी 2021 में करवाए गए ऑडिट के दौरान इन्हीं लोगों की देनदारी बिजली बोर्ड के प्रति निकली है। बोर्ड के नियमानुसार अब बिल के आधार पर ऐसे उपभोक्ताओं से पेंडिंग पड़े बिलों की रिकवरी की जा रही है।
 

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