चुनावी महाभारत के लिए जीत का मंत्र देने की तैयारी

Edited By Updated: 06 May, 2017 09:08 AM

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नगर निगम चुनाव इस महीने के अंत तक संभव हैं।

शिमला: नगर निगम चुनाव इस महीने के अंत तक संभव हैं। इसके लिए राज्य निर्वाचन आयोग कभी भी चुनाव की तारीख घोषित कर सकता है। चुनावी महाभारत के लिए भाजपा और कांग्रेस दोनों की ही लीडरशिप अपने कार्यकर्ताओं को जीत के मंत्र देने की तैयारी कर रही है। निगम चुनाव से ठीक पहले भाजपा को मोदी की शिमला रैली नई जान फूंक गई। अब यही कार्य सरकार और कांग्रेस संगठन करेगा। हालांकि इनमें संगठन सुप्रीम है या संगठन इस बारे में कशमकश चल रहा है। निगम चुनाव के लिहाज से कांग्रेस के लिए शनिवार और रविवार 2 दिन अहम माने जा रहे हैं। शनिवार को कांग्रेस विधायक दल की बैठक होगी। यह बैठक यूं तो विधानसभा चुनाव को लेकर हो रही है लेकिन इसमें नगर निगम चुनावों पर भी चर्चा होनी तय है। जिन हालातों के बीच यह बैठक हो रही है, इससे कई सवाल खड़े हो रहे हैं। कांग्रेस से जुड़े सूत्रों के अनुसार इसमें सरकार निगम चुनाव का ब्लू प्रिंट खींच सकती है। बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हालिया रैली और उसके बाद पालमपुर में 2 दिनों के दौरे पर आए भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह पर भी चर्चा होगी। कुल मिलाकर सरकार अपने घर को संभालने की कवायद में जुटी हुई है। 


कांग्रेस के कई मंत्री और विधायक भाजपा के संपर्क में
पिछले दिनों विपक्ष के नेता प्रेम कुमार धूमल के हवाले से खबर आई थी कि कांग्रेस के कई मंत्री और विधायक भाजपा के संपर्क में हैं। इससे सरकार के भीतर हलचल देखने को मिली थी। विधानसभा चुनाव से पूर्व उत्तराखंड में कांग्रेस के कई नेता भाजपा में शामिल हो गए थे। हिमाचल में भी निर्दलीय विधायक बलवीर वर्मा कांग्रेस से छिटक कर भगवा रंग में रंग गए। इससे पहले की कुछ और निर्दलीय विधायक भाजपा का दामन थामते कुछेक ने राहुल गांधी के दरबार तक दस्तक दी। निगम चुनाव से ठीक पहले मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने कांग्रेस विधायकों की बैठक बुलाई है। इसमें कांग्रेस के एसोसिएट विधायक शिरकत करते हैं या नहीं, इस पर कई तरह के कयास लगाए जा रहे हैं। बैठक शिमला के लिहाज से काफी महत्वपूर्ण मानी जा रही है। इसमें सरकार के मंत्री और विधायक चुनाव के विभिन्न पहलुओं पर विचार-विमर्श करेंगे। पार्टी सिंबल पर चुनाव न करवाने के मुद्दे पर भी चर्चा संभव है। इस चुनाव का पूरा दारोमदार मुख्यमंत्री के कंधों पर रहने वाला है। 


कांग्रेस संगठन के पास वोट मांगने को दूसरा बड़ा चेहरा नहीं
कांग्रेस संगठन के पास दूसरा ऐसा बड़ा चेहरा नहीं जिसके बूते कांग्रेस वार्डों में वोट मांग सके। कांग्रेस सरकार के कामकाज को जनता के बीच गिनाएगी। सरकार का दावा है कि साढ़े 4 साल में प्रदेश में विकास बेमिसाल हुआ है। इसके दम पर निगम के चुनाव लड़े जाएंगे लेकिन विपक्ष काम नहीं इसे सरकार के कारनामे करार दे रहा है। विपक्षी दल भाजपा ने सरकार के कथित काले चिट्ठों की चार्जशीट तैयार की है। इसे जांच के लिए राज्यपाल को सौंपा है। हालांकि मुख्यमंत्री इन आरोपों को सिरे से खारिज करते रहे हैं लेकिन चुनाव में कहीं न कहीं इसकी गूंज भी सुनाई देगी। रविवार को कांग्रेस की बैठक होगी। इसमें भी निगम और विधानसभा दोनों चुनावों पर चर्चा होगी। इसमें प्रदेश भर के कांग्रेस नेताओं से निगम चुनाव पर अहम सुझाव लिए जाएंगे। इन चुनाव में कांग्रेस कभी नहीं हारी। पिछला चुनाव जरूर अपवाद रहा था। तब पहली बार भाजपा के ज्यादा पार्षद जीते थे। इस बार वार्डों की तादाद बढ़ गई है। इसमें 9 अंकों का इजाफा हुआ है लेकिन चुनाव पार्टी सिंबल पर नहीं हो रहे हैं। ऐसे में कांग्रेस को इससे लाभ होने की उम्मीद है परंतु भाजपा अबकी बार हर हाल में चुनाव जीतना चाहती है। इसके लिए पार्टी अच्छी खासी चुनावी कसरत कर चुकी है। यह सिलसिला आगे भी जारी रहने वाला है। 


सुक्खू ने साधा सी.एम. पर निशाना
कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष सुखविंदर सिंह सुक्खू का कहना है कि पार्टी नगर निगम चुनाव में राज्य सरकार के विकास कार्यों को बड़ा मुद्दा बनाएगी। उन्होंने दावा किया है कि कांग्रेस की जीत पक्की है और भाजपा का कमल शिमला में खिलने वाला नहीं है। पंजाब केसरी के साथ बातचीत के दौरान सुक्खू ने सी.एम. वीरभद्र सिंह पर भी परोक्ष तौर पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि पार्टी संगठन और सरकार के बीच तालमेल में कहीं कोई गड़बड़ नहीं है। कांग्रेस के मुखिया की मानें तो सरकार के 90 प्रतिशत मंत्री और विधायक उनके (सुक्खू) के साथ हैं। उन्होंने कहा कि किसी भी मंत्री या फिर विधायक ने उनकी परफॉरमैंस पर सवाल नहीं उठाए हैं। केवल एक ही शख्स हैं जो कभी-कभार टिप्पणी कर देते हैं। 


भाजपा के दावे होंगे खोखले साबित
उन्होंने कहा कि इस टिप्पणी में भी नीयत खराब नहीं होती है। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि कांग्रेस के पास सचिवों की फौज नहीं है। सिर्फ 57 सचिव हैं। इन सचिवों की निगम चुनाव में ड्यूटी लगाने पर जल्द ही कोई फैसला होगा। उन्होंने कहा कि संगठन से ज्यादातर उन नेताओं की तैनाती होगी जिनका ताल्लुक शिमला से है या फिर ज्यादातर शिमला में सक्रिय रहते हैं। उन्होंने विपक्षी दल भाजपा के दावों पर भी पलटवार किया। उन्होंने कहा कि भाजपा के दावे खोखले साबित होंगे। उन्होंने कहा कि आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पार्टी से ऊपर हो गए हैं। पार्टी हिमाचल में विपक्ष की सकारात्मक भूमिका नहीं निभा पा रही है। उन्होंने कहा कि जब कांग्रेस यहां विपक्ष में थी तो फिर हर बार किसी न किसी मुद्दे पर आंदोलन होता था। कांग्रेस ने तब सक्रिय भूमिका निभाई। उन्होंने कहा कि भाजपा को पहले निगम में और फिर विधानसभा में हार हासिल होगी।

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