Edited By Ekta, Updated: 03 Aug, 2018 10:35 AM
हिमाचल पथ परिवहन निगम एक तरफ अपने यात्रियों को अच्छी और बेहतर सुविधा प्रदान करने की बात करता है, तो दूसरी ओर निगम की बसों में फैली गंदगी के कारण यात्री सफर करने को मजबूर हो गए हैं। वर्तमान समय में निगम के धर्मशाला डिपो में शाम के समय खड़ी होने वाली...
धर्मशाला (पूजा): हिमाचल पथ परिवहन निगम एक तरफ अपने यात्रियों को अच्छी और बेहतर सुविधा प्रदान करने की बात करता है, तो दूसरी ओर निगम की बसों में फैली गंदगी के कारण यात्री सफर करने को मजबूर हो गए हैं। वर्तमान समय में निगम के धर्मशाला डिपो में शाम के समय खड़ी होने वाली बसों की हालत इस कदर है कि आवारा कुत्ते शाम के समय व बारिश में बसों के अंदर आश्रय लेते हैं व बसों की सीटों पर बैठकर रात गुजारते हैं और बिना बसों को साफ किए चालक व परिचालक बसों में यात्रियों को बिठाना शुरू कर देते हैं। वहीं कॉलेज छात्रों का कहना है कि एच.आर.टी.सी. बसों के चालक व परिचालकों की लापरवाही के चलते मजबूरन हमें बसों की गंदी सीटों पर बैठना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि निगम की बसों में यात्रा करने वाले यात्रियों से परिचालक द्वारा पूरा किराया तो लिया जाता है, लेकिन यात्रियों को उसके हिसाब से निगम सुविधाएं नहीं दे पा रहा। यहीं कारण है कि ज्यादातर यात्री प्राइवेट बसों में सफर करना सही समझते हैं।
चालक व परिचालक जिम्मेदारी से कर रहे परहेज
निगम की बसों में कार्यरत्त चालक व परिचालक काम कर अपने परिवार का पालन-पोषण कर रहे हैं, उन्हीं बसों की चालक व परिचालक साफ-सफाई व रख-रखाब की जिम्मेदारी लेने से परहेज कर रहे हैं। धर्मशाला डिपो में खड़ी की जाने वाली जे.एन.एन.यू.आर.एम. की बसों में चालक व परिचालक शाम के समय दरवाजे व खिड़कियां खुले छोड़कर ही चले जाते हैं और खुली बसों की सीटों पर बारिश का पानी, गंदी मक्खियां व आवारा कुत्ते आकर आराम करते हैं। हैरानी वाली बात तो यह है कि बस चालक व परिचालक बस को बिना साफ किए ही सड़कों पर दौड़ाना शुरू करते हैं। इससे साफ जाहिर होता है कि चालक व परिचालक अपने काम के प्रति कितने वफादार हैं। जे.एन.एन.यू.आर.एम. की बसों के दरवाजें बंद करना चालक की जिम्मेदारी होती है और खिड़कियां परिचालक की, यदि चालक व परिचालक द्वारा अपनी जिम्मेदारी न समझकर उन्हें खुला छोड़ दिया जाता है, तो उनके खिलाफ निगम सख्त कार्रवाई करेगा।