Edited By Vijay, Updated: 19 Mar, 2021 08:22 PM
कम्युनिटी मैडीसिन के क्षेत्र में विशिष्ट और असाधारण योगदान के लिए आईजीएमसी शिमला में प्रोफैसर डॉ. अनमोल गुप्ता को वर्ष 2020 के लिए प्रतिष्ठित पुरस्कार से सम्मानित किया गया। यह सम्मान इंडियन एसोसिएशन ऑफ प्रिवैंटिव एंड सोशल मैडीसिन (आईएपीएसएम) ने...
चम्बा (काकू): कम्युनिटी मैडीसिन के क्षेत्र में विशिष्ट और असाधारण योगदान के लिए आईजीएमसी शिमला में प्रोफैसर डॉ. अनमोल गुप्ता को वर्ष 2020 के लिए प्रतिष्ठित पुरस्कार से सम्मानित किया गया। यह सम्मान इंडियन एसोसिएशन ऑफ प्रिवैंटिव एंड सोशल मैडीसिन (आईएपीएसएम) ने वार्षिक सम्मेलन में दिया है। इंडियन एसोसिएशन ऑफ प्रिवैंटिव एंड सोशल मैडीसिन का48वां वार्षिक सम्मेलन सामुदायिक चिकित्सा विभाग, स्कूल ऑफ पब्लिक हैल्थ पीजीआईएमईआर चंडीगढ़ द्वारा आयोजित किया गया था। इसमें डॉ. अनमोल गुप्ता प्रोफैसर और प्रमुख सामुदायिक चिकित्सा विभाग आईजीएमसी शिमला को सार्वजनिक स्वास्थ्य के क्षेत्र में विशिष्ट योगदान के लिए सबसे बड़े पुरस्कार डा. हरचरण सिंह ओरेशन से सम्मानित किया गया।
डॉ. अनमोल गुप्ता ने 15 से अधिक रिसर्च प्रोजैक्ट्स हिमाचल में प्रिंसीपल इन्वैस्टीगेटर के रूप में किए हैं जिन्हें डब्ल्यूएचओ, यूएनडीपी, डीएचआर, आईसीएमआर, डीएसपी व डीबीटी और नैशनल हैल्थ मिशन हिमाचल प्रदेश द्वारा फंड किया गया है। डा. गुप्ता ने 2019 में ग्लासगो के रॉयल कालेज से फैलोशिप प्राप्त की और कोविड-19 महामारी के दौरान शिमला सिटी 2020 में सतत् विकास लक्ष्यों-स्वच्छता और अपने काम के लिए स्कोच पुरस्कार प्राप्त किया, जहां उनकी टीम ने सभी 34 वार्डों में गुणात्मक और मात्रात्मक सर्वेक्षण किया।
डॉ. गुप्ता शिमला शहर और आसपास के क्षेत्र में वायरल हैपेटाइटिस के रोग के संचरण की परियोजना के लिए प्रधान अन्वेषक थे। यह परियोजना स्वास्थ्य अनुसंधान विभाग एमओएचएफडब्ल्यू इंडिया द्वारा प्रदान की गई थी, जहां शिमला शहर 2007, 2010, 2013 व 2016 से हर 3 साल में हैपेटाइटिस ए और ई की महामारी का सामना कर रहा था। परियोजना के तहत मजबूत निगरानी प्रणाली की स्थापना की गई थी। विभिन्न जलाशयों से, सार्वजनिक वितरण प्रणाली से, नल, हैंडपंप और बावड़ी से दैनिक 20 नमूनों का परीक्षण सूक्ष्म जीव विज्ञान आईजीएमसी शिमला द्वारा किया गया। इससे शिमला शहर में 2019 में हैपेटाइटिस का कोई प्रकोप नहीं हुआ। समुदाय में जमीनी स्तर पर उनका काम, जहां सबसे अधिक सार्वजनिक स्वास्थ्य हस्तक्षेप की आवश्यकता है, उनकी सफलता का मूल है।