IGMC के डाक्टर का कारनामा, तीमारदार को गले से पकड़कर गेट तक घसीटा

Edited By Vijay, Updated: 09 Jun, 2018 06:49 PM

doctor caught the person from neck and dragged to the gate

हिमाचल के सबसे बड़े अस्पताल आई.जी.एम.सी. में रैजीडैंट डाक्टर की तानाशाही मरीजों व तीमारदरों पर भारी पड़ती जा रही है। डाक्टर कभी मैडीपर्सन एक्ट का रौब दिखाते हैं तो कभी तीमारदरों को गले से पकड़कर घसीटते हुए वार्ड से बाहर लाते हैं।

शिमला: हिमाचल के सबसे बड़े अस्पताल आई.जी.एम.सी. में रैजीडैंट डाक्टर की तानाशाही मरीजों व तीमारदरों पर भारी पड़ती जा रही है। डाक्टर कभी मैडीपर्सन एक्ट का रौब दिखाते हैं तो कभी तीमारदरों को गले से पकड़कर घसीटते हुए वार्ड से बाहर लाते हैं। ऐसा ही मामला शनिवार को सुबह के समय खलीनी के रहने वाले योगेश नामक व्यक्ति के साथ पेश आया। योगेश का कहना है कि उसका मरीज मेल यूनिट-3 में बैड नम्बर 34 पर भर्ती था, ऐसे में जब डाक्टर फाइल चैक करने आया तो उसने बताया कि फाइल को एक अन्य डाक्टर ले गया है, ऐसे में जब योगेश ने रैजीडैंट डाक्टर से फाइल मांगनी चाही तो उक्त डाक्टर बहसबाजी करने लगा। विवाद इतना बढ़ गया कि डाक्टर ने वार्ड के अंदर ही तीमारदार को गले से पकड़ा और घसीटते हुए गेट तक पहुंचाया। अस्पताल में मौजूद अन्य लोगों ने उसे डाक्टर के चंगुल से छुड़वाया। इसके बाद योगेश ने लक्कड़ बाजार चौकी में मामले की शिकायत दी, जिस पर पुलिस ने उसी समय मौके पर पहुंच कर डाक्टर व तीमारदार के बीच मामले को सुलझा लिया है।


मैडीपर्सन एक्ट की दिखाते हैं धौंस
आई.जी.एम.सी. में आए दिन मरीजों व तीमारदारों को डाक्टरों की तानाशाही की वजह से दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। रैजीडैंट डाक्टर तीमारदार व मरीजों से कभी भी सही तरीके से बात नहीं करते हंै। इस तरह का यह मामला आई.जी.एम.सी. में पहली बार सामने नहीं आया है बल्कि इससे पहले भी कई बार डाक्टरों पर इस प्रकार के आरोप लगते रहे हैं। कई बार तो डाक्टर तीमारदारों को यह भी कहते हैं कि हमें तो सरकार ने मैडीपर्सन एक्ट लागू किया है। तुम हमारा कुछ नहीं कर सकते। सरकार द्वारा डाक्टर के लिए लागू किया गया मैडीपर्सन एक्ट मरीजों पर भारी पड़ रहा है। हैरत तो यह है कि आई.जी.एम.सी. प्रशासन भी गंभीर होता नजर नहीं आ रहा है। प्रशासन की तरफ से कोई एक्शन नहीं लिया जाता है। जब भी मामले सामने आते हैं तो उन्हें दबा दिया जाता है।


क्या कहती है पुलिस
इस मामले को लेकर जब लक्कड़ बजार चौकी में पुलिस से बात की गई तो उनका कहना है कि यह मामला हमारे ध्यान में आया था, लेकिन मामले को सुलझा लिया गया। पुलिस मौके पर गई थी। तिमारदार व डाक्टर का आपस में समझौता हो गया है। कोई भी मुकदमा दर्ज नहीं किया गया है।


क्या कहता है आई.जी.एम.सी. प्रशासन
आई.जी.एम.सी. के प्रिंसीपल रवि शर्मा ने बताया कि रैजीडैंट डाक्टर व तीमारदार के बीच बहसबाजी का मामला हमारे ध्यान में आया है। दोनों के बीच समझौता हो गया है। अस्पताल में पहले भी निर्देश दिए गए हैं कि डाक्टर व तीमारदार शांति बनाए रखें ताकि किसी को भी कोई दिक्कत न आए। तीमारदार अस्पताल में अपने मरीजों का इलाज करवाने आते हैं न कि बहसबाजी व लड़ाई करने। डाक्टर को भी अस्पताल में सावधानी बरतनी होगी। 

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