Edited By Vijay, Updated: 29 Feb, 2024 07:57 PM
हिमाचल में राज्यसभा चुनाव के बाद उपजे सियासी विवाद को सुलझाने में कांग्रेस हाईकमान की तरफ से पर्यवेक्षक के रूप में भेजे गए कनार्टक के उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार और हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंदर सिंह हुड्डा काफी हद तक सफल रहे हैं।
शिमला (राक्टा): हिमाचल में राज्यसभा चुनाव के बाद उपजे सियासी विवाद को सुलझाने में कांग्रेस हाईकमान की तरफ से पर्यवेक्षक के रूप में भेजे गए कनार्टक के उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार और हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंदर सिंह हुड्डा काफी हद तक सफल रहे हैं। मुख्यमंत्री के शिमला स्थित सरकारी आवास ओकओवर में आयोजित पत्रकार वार्ता में कनार्टक के उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने कहा कि प्रदेश में भाजपा जो भी ऑप्रेशन चला ले, उसे सफलता मिलनी वाली नहीं है। उन्होंने कहा कि भाजपा का मिशन लोटस फेल हो चुका है और प्रदेश कांग्रेस के सभी विधायक एकजुट हैं। उन्होंने एक अन्य सवाल के जवाब में कहा कि कांग्रेस के 6 विधायकों की विधानसभा सदस्यता रद्द किए जाने पर वे कुछ नहीं कहना चाहते हैं। स्पीकर ने ये फैसला सुनाया है। सदन में कांग्रेस के पास पूरा बहुमत है।
संगठन में अनुशासनहीनता नहीं होगी सहन
कांग्रेस पर्यवेक्षकों ने सभी पार्टी विधायकों व नेताओं को स्पष्ट किया है कि संगठन में अनुशासनहीनता किसी भी सूरत में सहन नहीं की जाएगी। इसके साथ ही सभी को ये भी स्पष्ट कर दिया गया है कि सरकार व संगठन से जुड़े किसी भी मसले पर सीधे कोई मीडिया में नहीं जाएगा। ऐसे में यदि कोई अनुशासनहीनता करता है तो उसके खिलाफ तत्काल कार्रवाई होगी।
विधायकों से बात कर छोटे-मोटे मतभेद दूर किए : हुड्डा
हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि प्रदेश में राज्यसभा चुनाव में पार्टी को मिली हार का बड़ा अफसोस है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस की ये सीट पक्की मानी जा रही थी लेकिन सभी जानते हैं किन कारणों से ऐसा नहीं हो पाया। उन्होंने कहा कि सभी विधायकों से बात कर जो भी छोटे-मोटे मतभेद थे, उन्हें दूर किया गया है। फैसला लिया गया है कि सभी मिलकर लोकसभा चुनाव में उतरेंगे और पार्टी की जीत सुनिश्चित करेंगे।
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