Edited By Rahul Singh, Updated: 27 Aug, 2024 11:39 AM
किन्नौर जिले के यूला कंडा में जिला स्तरीय जन्माष्टमी पर्व सोमवार को बड़े ही धूमधाम से मनाया गया। जन्माष्टमी से एक दिन पूर्व श्रद्धालु यूला कंडा की ओर रवाना हुए। रविवार को करीब 10 बजे स्थानीय ग्रामीण, बौद्ध लामा और अन्य श्रद्धालुओं ने रीति-रिवाजों के...
किन्नौर (कुलभूषण नेगी) किन्नौर जिले के यूला कंडा में जिला स्तरीय जन्माष्टमी पर्व सोमवार को बड़े ही धूमधाम से मनाया गया। जन्माष्टमी से एक दिन पूर्व श्रद्धालु यूला कंडा की ओर रवाना हुए। रविवार को करीब 10 बजे स्थानीय ग्रामीण, बौद्ध लामा और अन्य श्रद्धालुओं ने रीति-रिवाजों के साथ यूला कंडा के लिए यात्रा शुरू की और लोकगीतों और बौद्ध मंत्रों के साथ करीब 12 किलोमीटर की यात्रा कर शाम लगभग 6 बजे सराय भवन पहुंचे।
वहां पर सारी रात भजन-कीतर्न कर सोमवार को सुबह करीब 4 बजे प्रसाद बनाकर भक्ति गीतों के साथ श्री कृष्ण मंदिर की ओर प्रस्थान किया और मंदिर में भगवान श्री कृष्ण की पूजा-अर्चना करने के बाद पशुओं को नमक खिलाया। ऐसी मान्यता है कि वहां पर पशुओं को नमक खिलाने से सारे कष्टों का निवारण होता है। इस जिला स्तरीय जमाष्टमी पर्व का शुभारंभ कार्यवाहक एस.डी.एम. एवं तहसीलदार निचार अरुण कुमार ने किया।
उन्होंने सभी लोगों को जन्माष्टमी पर्व की शुभकामनाएं दी। आपको बता दें कि विश्व की सबसे ऊंचाई पर बना यह श्रीकृष्ण मंदिर जिला किन्नौर के यूला गांव से लगभग 12 किलोमीटर की दूरी और करीब 12,778 फुट की ऊंचाई पर भागवेन नामक स्थान पर यूला कंडा में प्राकृतिक झील के मर के फलों से की थी बीचोंबीच बना हुआ है। यूला कंडा में पहुंचने के लिए यूला गांव से पैदल लगभग 6 से 7 घंटे का समय लगता है।
झील के बीचोंबीच स्थित भगवान श्री कृष्ण का मंदिर क्षेत्रवासियों के लिए धार्मिक आस्था का प्रतीक है और यूला कंडा में कई प्रकार के फूल में जड़ी-बूटियां भी पाई जाती हैं। जन्माष्टमी के दिन जिले के विभिन्न स्थानों से आए सैंकड़ों श्रद्धालुओं ने 18 प्रकार के फूलों से भगवान श्री कृष्ण की पूजा की और श्रीकृष्ण के जयकारों से क्षेत्र का माहौल भक्तिमय हो उठा। इस दौरान किन्नौरी नाटियों का खूब दौर चला।