आपदा प्रबंधन के लिए विभागीय तालमेल अत्यंत आवश्यक: डीसी जतिन लाल

Edited By Jyoti M, Updated: 03 Jun, 2025 04:47 PM

departmental coordination is extremely necessary for disaster management

उपायुक्त ऊना जतिन लाल ने कहा है कि किसी भी आपदा की स्थिति में प्रभावी राहत व बचाव कार्य सुनिश्चित करने के लिए सभी संबंधित विभागों के बीच गहरा समन्वय और सक्रिय सहभागिता अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने बताया कि जिले में 6 जून को आयोजित होने जा रही मेगा मॉक...

ऊना। उपायुक्त ऊना जतिन लाल ने कहा है कि किसी भी आपदा की स्थिति में प्रभावी राहत व बचाव कार्य सुनिश्चित करने के लिए सभी संबंधित विभागों के बीच गहरा समन्वय और सक्रिय सहभागिता अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने बताया कि जिले में 6 जून को आयोजित होने जा रही मेगा मॉक ड्रिल इसी उद्देश्य की पूर्ति के लिए की जा रही है। वे मंगलवार को एनआईसी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग सभागार में आपदा प्रबंधन से जुड़े अधिकारियों के साथ मॉक ड्रिल से पूर्व आयोजित टेबल टॉप अभ्यास के दौरान बोल रहे थे।

बता दें, 6 जून में प्रदेशभर में राज्य स्तरीय मेगा मॉक एक्सरसाइज़ का आयोजन किया जा रहा है, इसी क्रम में ऊना में भी मॉक ड्रिल होगी। मॉक ड्रिल का आयोजन हिमाचल प्रदेश राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण द्वारा राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के सहयोग से किया जा रहा है। यह अभ्यास विशेष रूप से भूकंप जैसे परिकल्पित आपदा परिदृश्यों पर आधारित होगा। उपायुक्त ने कहा कि यह अभ्यास ज़िला प्रशासन, विभागों और जनसामान्य की आपात स्थितियों से निपटने की तैयारियों का आकलन करने का एक महत्वपूर्ण अवसर है। इस अवसर पर राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के निदेशक डी.सी. राणा ने शिमला से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से ज़िले की तैयारियों की समीक्षा की और आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।

इन स्थानों पर होगी मॉक ड्रिल

उपायुक्त ने बताया कि यह मॉक ड्रिल ज़िले के विभिन्न उपमंडलों में आयोजित की जाएगी, जहां भिन्न-भिन्न परिकल्पित आपदा स्थितियों को आधार बनाकर राहत व बचाव गतिविधियों का अभ्यास किया जाएगा। ऊना उपमंडल के पेखूबेला स्थित आईओसीएल टर्मिनल में पेट्रोलियम थोक भंडारण इकाई में आग लगने और ढांचागत क्षति की स्थिति को परिकल्पित किया गया है, जबकि राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान (छात्र), ऊना में भवन में आग और संरचनात्मक नुकसान का परिदृश्य रहेगा। अंब उपमंडल के अंब-नेहरियां रोड पर स्थित पिंडी दास आश्रम एवं आई हॉस्पिटल में भूस्खलन की स्थिति को आधार बनाया जाएगा।

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    इसी तरह, गगरेट उपमंडल में गगरेट-होशियारपुर रोड़ पर एके पुरी एचपी पेट्रोल पंप पर आगजनी की घटना और हरोली उपमंडल के टाहलीवाल स्थित नेस्ले इंडिया लिमिटेड परिसर में फैक्टरी भवन की संरचनात्मक क्षति एवं अग्निकांड को परिकल्पित किया गया है। सायरन बजते ही सक्रिय हो जाएगा आपदा प्रबंधन अमला, तत्काल प्रतिक्रिया पर होगा फोकस । 6 जून को राज्य मुख्यालय से परिकल्पित भूकंप आपदा संबधी संदेश प्राप्त होते ही उपायुक्त कार्यालय में हूटर बजेगा, जिसके बाद चिन्हित स्थलों पर फायर ब्रिगेड की गाड़ियां सायरन के साथ रवाना होंगी और हर उपमंडल में निर्धारित आपदा प्रबंधन योजना के अनुरूप तत्काल प्रतिक्रिया दी जाएगी।

    उपायुक्त ने नागरिकों से भी आग्रह किया है कि वे मॉक ड्रिल के दौरान भूकंप जैसी आपदा की स्थिति में आवश्यक सावधानियों का अभ्यास करें। उन्होंने कहा कि सायरन बजते ही किसी मजबूत मेज या फर्नीचर के नीचे जाकर सिर को हाथ से ढकना तथा खुले स्थान में सुरक्षित रूप से पहुंचना जैसी प्राथमिक सावधानियों का अभ्यास किया जाना चाहिए।

    हर विभाग निभाएगा विशिष्ट भूमिका

    उपायुक्त ने बताया कि इस राज्य स्तरीय अभ्यास में सभी संबद्ध विभागों की सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित की गई है। आपदा प्रबंधन योजना के अनुरूप प्रत्येक विभाग की निर्धारित भूमिका है, वे उसका निर्वहन करेंगे । वहीं, राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण द्वारा नियुक्त पर्यवेक्षक इस अभ्यास के दौरान सभी कार्यप्रणालियों की निगरानी करेंगे।

    टेबल टॉप अभ्यास के दौरान पुलिस अधीक्षक अमित यादव, मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. सी.के. वर्मा, एसडीएम हरोली विशाल शर्मा, एसडीएम गगरेट सौमिल गौतम, सहायक आयुक्त वरिंद्र शर्मा, गृह रक्षक समादेशक डॉ. विकास सकलानी सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी उपायुक्त कार्यालय के एनआईसी कक्ष में उपस्थित रहे।

     

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