पलौहटा पंचायत का तुगलकी फरमान, बिना सूचना दिए BPL सूची से बाहर किए पात्र परिवार

Edited By Vijay, Updated: 08 Sep, 2018 03:04 PM

decree of palhauta panchayat eligible family out of bpl list

हिमाचल प्रदेश के मंडी के सुंदरनगर उपमंडल की पलौहटा पंचायत में पंचायत द्वारा ऐसा फरमान सुनाया गया है, जिससे गांव के गरीब व बी.पी.एल. पात्र लोगों का सरकार, प्रशासन और पंचायत प्रतिनिधियों से विश्वाश उठ गया है।

सुंदरनगर (नितेश): हिमाचल प्रदेश के मंडी के सुंदरनगर उपमंडल की पलौहटा पंचायत में पंचायत द्वारा ऐसा फरमान सुनाया गया है, जिससे गांव के गरीब व बी.पी.एल. पात्र लोगों का सरकार, प्रशासन और पंचायत प्रतिनिधियों से विश्वाश उठ गया है। सुंदरनगर उपमंडल की ग्राम पंचायत पलौहटा में पंचायत की सभा में उपस्थित न होने पर अनेक लोगों को बी.पी.एल. से बाहर कर दिया गया। इस संबध में बी.पी.एल. सूची से निकाले गए लोग एस.डी.एम. सुंदरनगर राहुल चौहान के कार्यालय में एकत्रित होकर मामले से उन्हें अवगत करवाया। वहीं एस.डी.एम. सुंदरनगर ने उन्हें बी.डी.ओ. सुंदरनगर के पास आगामी कार्यवाही के लिए भेजा। इसके उपरांत लोग बी.डी.ओ. कार्यालय में अपने हकों के लिए पहुंचे और सभी प्रभावितों ने जवाहर पार्क में एकजुट होकर शक्ति प्रदर्शन किया।

स्थानीय विधायक ने अनसुनी की प्रभावितों की बात
इस मौके पर प्रभावितों ने कहा कि इस मामले में अगर प्रदेश सरकार, पंचायत प्रतिनिधि और नाचन विधायक गरीबों को न्याय दिलाने में विफल रहते हैं तो इसके विरोध में उन्होंने आगामी लोकसभा चुनावों का बहिष्कार करने का मन बना लिया है। लोगों का कहना है कि उन्होंने इस समस्या के बारे में स्थानीय विधायक को भी अवगत करवाया है लेकिन उन्होंने इस मसले को अनसुना कर दिया। नाचन विधायक के इस व्यवहार के कारण जनता में आक्रोश है। प्रभावितों ने कहा है कि पंचायत ने अपने चहेतों को लाभ देने के लिए आनन-फानन में ग्राम सभा में लोगों को नहीं बुलाया और लोगों को बाहर का रास्ता दिखा दिया गया।

क्या कहते हैं लोग
पलौहटा पंचायत निवासी भागमल का कहना है कि पंचायत ने बिना किसी सूचना के जनरल हाऊस बुलाया और आनन-फानन में कई फैसले ले लिए। और लोग जनरल हाउस में नहीं पहुँच सके और प्रधान, उपप्रधान, सेकेटरी ने अपनी मर्जी से बीपीएल पात्र लोगो का नाम काट दिया। जिसको आज तक बी.पी.एल. से कोई लाभ नहीं मिला था उसे सूची से बाहर कर दिया और जिसे सूची में डाला गया उसके बारे में भी किसी को सूचना नहीं दी गई। उनका कहना है कि अपनी कमियों को छुपाने के लिए पंचायत ने आनन-फानन में हाऊस बुलाया और सभी बिल पास कर बी.पी.एल. पात्र लोगों को सूची से बाहर कर दिया।

आई.आर.डी.पी. में आए 6 महीने भी नहीं हुए पूरे
पलौहटा पंचायत निवासी अमर सिंह का कहना है कि मेरी टांग टूटी हुई है और मुझे अभी 6 महीने का समय भी आई.आर.डी.पी. में नहीं बिता था कि अब बिना कारण बताए बाहर का रास्ता दिखा दिया। उन्होंने कहा कि मेरा कच्चा मकान है फिर भी मुझे बाहर कर दिया गया। पलौहटा पंचायत निवासी रेवती देवी का कहना है कि मुझे एक आंख से बिल्कुल दिखाई नहीं देता है और मेरी बेटे की भी बाजू टूटी हुई है। उन्होंने कहा कि आज तक कोई लाभ आई.आर.डी.पी. से नहीं मिला और अब हमें सूची से बाहर कर दिया।

गरीब के पेट में घोंपा छुरा
पलौहटा पंचायत निवासी महिला का कहना है कि 15 साल आई.आर.डी.पी. में हो चुके हंै लेकिन आज तक एक रुपए का फायदा नहीं मिला। मकान बनाने की किस्त के लिए पंचायत सैक्रेटरी के पास गई लेकिन उनका कहना था कि कोई भी किस्त नहीं आई है। महिला का कहना है कि मैं गरीब परिवार से ताल्लुक रखती हूं लेकिन बिना किसी कारण से सूची से नाम काट दिया। पंचयात ने पीठ पीछे से नाम काटकर गरीब के पेट में छुरा घोंप वाला काम किया है।

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