करप्ट सिस्टम ने ली फोरेस्ट गार्ड की जान

Edited By Punjab Kesari, Updated: 13 Jun, 2017 10:25 AM

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वन मंडल करसोग के कतांडा बीट में तैनात रहे फोरेस्ट गार्ड की जान भ्रष्ट सिस्टम ने ली है।

करसोग: वन मंडल करसोग के कतांडा बीट में तैनात रहे फोरेस्ट गार्ड की जान भ्रष्ट सिस्टम ने ली है। बेशक इस बात की अधिकारिक तौर पर पुष्टि होने में अभी काफी वक्त लग सकता है लेकिन मौत के मुंह में समा चुके फोरैस्ट गार्ड द्वारा लिखा गया सुसाइड नोट व मृतक के परिजनों ने इस दावे को पुख्ता आधार दे दिया है। मृतक के परिजनों ने इसे हत्या का मामला करार देते हुए मामले की निष्पक्ष जांच मांगी है। इस मामले को लेकर पुलिस की जांच अभी इस नतीजे तक नहीं पहुंच पाई है कि फोरेस्ट गार्ड की हत्या हुई है या फिर यह आत्महत्या है। सुसाइड नोट के आधार पर शुरू जांच के दौरान वन विभाग के एक बी.ओ. सहित 4 अन्य लोग पुलिस की हिरासत में हैं। सुसाइड नोट में जहां मृतक ने वन विभाग के अधिकारी पर वन माफिया से मिलीभगत के आरोप लगाए हैं, वहीं सरकार के इस दावे की हवा भी निकाल दी है कि प्रदेश में वन माफिया सक्रिय नहीं है। 


फोरेस्ट गार्ड की मौत ने सबको हिला कर रख दिया
कड़ी मेहनत व लगन से मिली फोरेस्ट गार्ड की नौकरी से अपने परिवार का पेट पालने वाला 22 वर्षीय युवा इस करप्ट सिस्टम में अपने आप को नहीं ढाल पाया। नतीजतन उसका शव उसी जंगल के एक पेड़ पर उलटा लटका मिला जिसकी सुरक्षा का जिम्मा उसके कंधों पर था। मृतक का सुसाइड नोट साफ बयां कर रहा है कि जंगलों पर वन विभाग का नहीं बल्कि वन माफिया का हक है। विभाग के ही कुछ अधिकारी वन माफिया को संरक्षण दे रहे हैं तथा ईमानदार कर्मचारियों को प्रताड़ित किया जाता है। मृतक ने बाकायदा सुसाइड नोट में वन माफिया के घरों में वुडन कटर स्थापित होने की बात को भी सामने रखा है। ऐसे में साफ तौर पर कहा जा सकता है कि वन विभाग के अधिकारियों की ही देखरेख में वनों का संरक्षण नहीं बल्कि विनाश किया जा रहा है। महज 5 महीने की नौकरी में ही वन विभाग के भ्रष्ट तंत्र का आकलन करने वाला गार्ड बेशक इस दुनिया में नहीं है लेकिन उसकी मौत ने सबको हिला कर रख दिया है।


सरकार से वन रक्षकों को हथियार देने की वकालत
मृतक गार्ड के बैग से बरामद सुसाइड नोट में उसने सरकार से वन रक्षकों को हथियार देने की वकालत की है। पुख्ता सूत्र बताते हैं कि सुसाइड नोट में वनों में रात के समय जाने व वनों को वन माफिया से बचाने के लिए वन रक्षकों को हथियार देने की वकालत मृतक होशियार सिंह ने की है।


एक अन्य फोरेस्ट गार्ड को दंड देने की अपील
मृतक ने सुसाइड नोट में एक अन्य वन रक्षक को भी कड़ा दंड देने की अपील की है। बाकायदा वन रक्षक का नाम सुसाइड नोट में साफ लिखा गया है। हालांकि सुसाइड नोट में जिन लोगों का जिक्र है उनमें एक बी.ओ. व 4 अन्य लोगों को पुलिस ने हिरासत में ले रखा है लेकिन जिस वन रक्षक को सजा देने की गुहार सुसाइड नोट में लगाई गई है पुलिस अभी तक उसके पास नहीं पहुंच पाई है।


सैलरी से चुका देना रिश्तेदार व दोस्त का कर्ज
माता-पिता की मौत के बाद दादी की देखरेख में पले होशियार सिंह ने सुसाइड नोट में दादी से माफी मांगी है। सुसाइड नोट में फोरेस्ट गार्ड ने लिखा है कि उसने अपने चाचा व दोस्त से कुछ रुपए उधार लिए थे तथा एक स्थानीय दुकानदार को भी सामान के पैसे चुकाने बाकी हैं। उसकी सैलरी आने वाली है तथा इस सैलरी से उसका सारा कर्ज चुकाने के लिए उसने अपनी दादी को लिखा है। 

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