डलहोजी में भी होटल बिजनेस पर कोरोना भारी, होटल इंडस्ट्री को राहत देने की मांग

Edited By prashant sharma, Updated: 01 May, 2020 01:45 PM

corona heavy on hotel business in dalhoji demand for relief to hotel industry

हिमाचल प्रदेश की पर्यटन नगरी डलहोजी की होटल एसोसिएशन के मुख्य सरंक्षक मनोज चड्डा ने पत्रकारों से बातचीत कर बताया कि कोरोना वायरस महामारी से लॉकडाउन पर्यटन व्यवसाय ठप हो जाने से इस व्यवसाय से प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष तौर पर जुड़े हजारों लोग प्रभावित हुए...

डलहौजी (नरिंदर सिंह) : हिमाचल प्रदेश की पर्यटन नगरी डलहोजी की होटल एसोसिएशन के मुख्य सरंक्षक मनोज चड्डा ने पत्रकारों से बातचीत कर बताया कि कोरोना वायरस महामारी से लॉकडाउन पर्यटन व्यवसाय ठप हो जाने से इस व्यवसाय से प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष तौर पर जुड़े हजारों लोग प्रभावित हुए हैं। उन्होंने पर्यटन व्यवसाईयों की समस्याओं को और पर्यटन उद्योग को पुनर्जीवित करने के लिए अन्य कई मांगें मुख्यमंत्री के समक्ष रखी हैं। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री ने मांगों पर सहानुभूति पूर्वक विचार कर शीघ्र ही उचित कदम उठाने का आश्वासन दिया है। इस अवसर पर होटल एसोसिएशन के महासचिव हरप्रीत सिंह के अलावा कर्णवीर मोंगा, आशु गंडोत्रा,  अजय प्लाह व हरीश महाजन आदि मौजूद रहे। 

उन्होंने आगे कहा कि कोरोना का असर प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से लाखों लोगों को पड़ा है। पर्यटन व्यवसाय प्रभावित होने से रेस्तरां, ढाबा, टूरिस्ट गाइड, फोटोग्राफर, घोड़े वाले, एडवेंचर गतिविधियों का संचालन करने वाले, टैक्सी ऑपरेटर, व्यापारी हर वर्ग प्रभावित हुआ है और उक्त वर्गो को नुकसान झेलना पड़ा है। 15 अप्रैल से 15 जुलाई तक प्रदेश में पर्यटन सीजन रहता है, परंतु वर्तमान परिपेक्ष को देखते हुए नहीं लगता कि अक्टूबर तक भी पर्यटन व्यवसाय पटरी पर लौटेगा। उन्होंने कहा कि होटल इंडस्ट्री को पटरी पर लाने हेतु स्टेट टूरिज्म फेडरेशन व होटल एसोसिएशन द्वारा उठाई जा रही मांगों को मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के संज्ञान में लाया गया है। लिहाजा होटल इंडस्ट्री को बचाने व इसके संवर्धन हेतु सरकार की मदद की दरकार है। इसके लिए प्रदेश स्तर पर गठित की गई स्टेट टूरिज्म फेडरेशन द्वारा राहत देने के लिए अपनी विभिन्न मांगें सरकार से उठाई हैं। उन्होंने कहा कि इस बार कोरोना वायरस के खौफ ने पहाड़ के कारोबार की सेहत बिगाड़ दी है।

देशव्यापी लॉकडाउन के चलते यहां शहर की सड़कों से लेकर सभी दुकानों व होटलों में सन्नाटा पसरा है। उन्होंने कहा कि होटल इंडस्ट्री से प्रदेश के राजस्व में एक बड़ा हिस्सा आता है। कोरोना वायरस संक्रमण को रोकने को लेकर जारी लॉकडाउन न केवल होटल व्यवसाय बल्कि छोटे बड़े गेस्ट हाउस, होमस्टे, रेस्टोरेंट, ट्रैवल एजेंसी सहित छोटे व मंझले कारोबारियों का पर्यटन कारोबार पूरी तरह से बंद होकर रह गया। हालात यह है कि पर्यटन कारोबारियों के सामने आजीविका का संकट खड़ा हो गया है। पर्यटन उद्योग से जुड़े लोगों को सरकार से अब आर्थिक पैकेज की दरकार है। उन्होंने मांग उठाई है कि होटल, टैक्सी, दुकानदारों व पर्यटन व्यवसाय जुड़े अन्य लोगों को बैंकों से लिए गए ऋण चुकाने में एक साल तक की ब्याज में छूट दी जाए। इसके अलावा होटल व्यवसायियों के बिजली डिमांड चार्ज को भी माफ  किया जाएगा। उन्होंने सरकार से मांग की है कि जब तक पर्यटन व्यवसाय दोबारा पटरी पर नहीं आ जाता बिजली के व्यवसायिक दर की बजाय घरेलू दरें लागू की जाए। जीएसटी व आयकर में छूट देने के अलावा मध्यमवर्गीय होटलों के स्टाफ की तनख्वाह को मनरेगा के अंतर्गत लाया जाए। और बड़े होटलों को ईपीएफ के तहत राहत प्रदान की जाए। चड्डा ने कहा कि इन सभी मांगों को मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के समक्ष रखा है।
 

Related Story

Trending Topics

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!