Edited By Vijay, Updated: 06 Dec, 2019 10:17 PM
एक नाबालिग लड़की को अपने घर ले जाकर उसके साथ दुराचार करने के मामले में जिला सत्र एवं विशेष न्यायाधीश राकेश चौधरी की अदालत ने आरोपी तथा उसका साथ देने वाली युवती को दोषी करार दिया है। अदालत ने पोक्सो एक्ट की धारा 4 के साथ ही भारतीय दंड संहिता की...
बिलासपुर (ब्यूरो): एक नाबालिग लड़की को अपने घर ले जाकर उसके साथ दुराचार करने के मामले में जिला सत्र एवं विशेष न्यायाधीश राकेश चौधरी की अदालत ने आरोपी तथा उसका साथ देने वाली युवती को दोषी करार दिया है। अदालत ने पोक्सो एक्ट की धारा 4 के साथ ही भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत दोषी अरुण कुमार को कुल 7 साल के कठोर कारावास और 12,250 रुपए जुर्माने तथा सह दोषी मीनाक्षी को 7 साल की कठोर कैद के साथ 4,100 रुपए जुर्माने की सजा सुनाई है। दोषी मीनाक्षी जो जमानत पर थी, उसे भी हिरासत में ले लिया गया है।
क्या था मामला
29 जुलाई, 2017 को तलाई थाना में एक महिला ने शिकायत दर्ज करवाई थी कि जब उसकी बेटी कॉलेज जा रही थी तो इसी दौरान नैनो कार लेकर आए अरुण नामक युवक ने गाड़ी रोकी। उस कार में मीनाक्षी भी बैठी थी। कॉलेज तक लिफ्ट देने की बात कहकर अरुण उसकी बेटी की मर्जी के खिलाफ उसे अपने घर ले गया। वहां मीनाक्षी रसोईघर से चाय बनाकर लाई। उसने अरुण को चाय का कप थमाने के साथ ही स्टीरियो भी ऑन कर दिया। उसके बाद वह अरुण को आंख का इशारा करके मुस्कराती हुई बाहर निकल गई और दरवाजा बाहर से बंद कर दिया। कमरे में अरुण ने नाबालिग लड़की को बाजू से पकड़ कर खींचा और उसी के दुपट्टे से उसके दोनों हाथ बांध दिए। लड़की मदद के लिए चिल्लाई लेकिन अरुण ने उसका मुंह बंद कर दिया। उसके बाद वह उसके साथ गलत काम करने लगा।
आरोपी ने अस्मत लूटने के बाद छोड़ी नाबालिग लड़की
नाबालिग लड़की चिल्लाती रही लेकिन स्टीरियो की तेज आवाज की वजह से उसकी आवाज ज्यादा दूर तक नहीं जा पाई। अरुण ने नाबालिग लड़की की अस्मत लूटने के बाद उसे छोड़ा। जब वह रोती हुई बाहर निकली तो मीनाक्षी वहां घास काट रही थी। बाद में उसने घर पहुंच कर परिजनों को आपबीती सुनाई। पीड़िता की मां की शिकायत पर तलाई थाने में प्राथमिकी दर्ज की गई। पुलिस द्वारा छानबीन करने के बाद अदालत में चालान पेश किया गया। अदालत में मामले की पैरवी जिला न्यायवादी एवं विशेष लोक अभियोजक विनोद भारद्वाज ने की। उन्होंनेे बताया कि अभियोजन पक्ष की ओर से 24 गवाह पेश किए गए। गवाहों के बयान और तर्कों के आगे बचाव पक्ष की दलीलें नकार दी गईं।