मादक पदार्थ मामले में आरोपी को हाईकोर्ट से मिली सशर्त जमानत

Edited By Punjab Kesari, Updated: 15 Dec, 2017 12:11 AM

conditional bail granted to the accused in the drug case

मंडी सदर पुलिस स्टेशन के बहुचर्चित मादक पदार्थ रखने से जुड़े मामले में हाईकोर्ट ने आरोपी रवि कुमार को सशर्त जमानत पर रिहा करने के आदेश जारी कर दिए।

शिमला: मंडी सदर पुलिस स्टेशन के बहुचर्चित मादक पदार्थ रखने से जुड़े मामले में हाईकोर्ट ने आरोपी रवि कुमार को सशर्त जमानत पर रिहा करने के आदेश जारी कर दिए। यह वही मामला है जिसमें हाईकोर्ट ने 3 पुलिस कर्मियों सहित 2 अन्य लोगों के खिलाफ  झूठा मामला बनाने के आरोप के लिए आपराधिक मामला दर्ज करने के आदेश जारी किए थे। कोर्ट ने इसी मामले में सी.बी.आई. को आदेश दिए कि वह इनके खिलाफ  मादक पदार्थ रखने का झूठा मामला बनाने की साजिश रचने, झूठे दस्तावेज व साक्ष्य तैयार करने तथा फिरौती वसूलने का डर दिखाकर झूठे आरोप लगाने के आरोपों को लेकर भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम के प्रावधानों के तहत नियमित मामला दर्ज कर इनके खिलाफ  कानूनी कार्रवाई अमल में लाए। न्यायाधीश तरलोक सिंह चौहान ने प्रार्थी रवि कुमार द्वारा दायर जमानत याचिका की सुनवाई के दौरान यह आदेश पारित किए।

सी.बी.आई. ने की थी मामले की जांच
सी.बी.आई. ने मामले की प्रारंभिक जांच में पाया था कि पुलिस थाना सदर मंडी में तैनात एस.आई. जयलाल तथा इसी थाने के तहत पुलिस सिटी चौकी मंडी में तैनात ए.एस.आई. रामलाल व कांस्टेबल प्रदीप कुमार ने मंजीत कुमार व जसबीर सिंह के साथ मिलकर शिकायतकर्ता रवि कुमार के खिलाफ  मादक पदार्थ रखने का झूठा मामला बनाया और उससे 20 लाख रुपए की फिरौती की मांग की थी। प्रार्थी रवि कुमार की ओर से कोर्ट को बताया गया था कि उसके खिलाफ  मादक पदार्थ रखने का झूठा मामला बनाया गया है जिसकी शिकायत प्रार्थी और उसके पिता ने पुलिस के उच्च अधिकारियों को भी की थी। जिम्मेदार पुलिस कर्मियों के खिलाफ  जांच भी की गई थी और उनकी इस कथित साजिश में संलिप्तता प्रतीत होने के बावजूद बिना किसी ठोस कारण के आरोपी पुलिस वालों को क्लीन चिट दे दी गई।

प्रार्थी के पिता ने शिकायत में लगाया था आरोप
प्रार्थी के पिता रमेश चंद ने अपनी शिकायत में यह स्पष्ट तौर पर कहा था कि मंजीत सिंह, सहायक पुलिस निरीक्षक राम लाल व कांस्टेबल प्रदीप कुमार द्वारा रची गई कथित साजिश के तहत उसके बेटे को झूठे आरोपों के तहत फं साया गया है। मंजीत पर आरोप लगाया गया है कि वह हरियाणा का रहने वाला है और एक समगलर है। उसके हिमाचल पुलिस व हिमाचल की जेलों से संबंध हैं। साजिश के तहत मंजीत ने उसके बेटे को पुलिस की उपस्थिति में बुलाया। होटल व गुरुद्वारे के अलावा अन्य स्थानों पर रोके रखा। उससे 20 लाख रुपए की मांग की। जब पैसे नहीं दिए तो उसके बेटे को इस मामले में फं सा दिया। जांच के दौरान साबित हुआ था कि राम लाल, प्रदीप कुमार, मंजीत व रवि कुमार एक-दूसरे के सम्पर्क में थे। 

बरी होने के बावजूद पुलिस कर्मियों के संपर्क में था मंजीत 
जांच के दौरान यह भी पाया गया था कि मंजीत सिंह व रवि कुमार के खिलाफ  आपराधिक मामले दर्ज हुए थे मगर बाद में ये उन आरोपों से बरी हो गए थे। बरी होने के बावजूद मंजीत क्यों इन पुलिस कर्मियों के संपर्क में था। हाईकोर्ट ने प्रदेश पुलिस द्वारा की गई जांच के बाद आरोपी पुलिस वालों को क्लीन चिट देने वाली रिपोर्ट में संशय पाया था, जिस कारण कोर्ट ने इस मामले की जांच सी.बी.आई. से करवाने के आदेश दिए थे। यह मामला मंडी जिला के सदर पुलिस थाना में 23 जनवरी, 2016 को दर्ज हुआ था।

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