Edited By Punjab Kesari, Updated: 17 Jul, 2017 01:50 AM
मंडी के बल्ह में छेड़छाड़ से परेशान एक नाबालिग लड़की द्वारा फंदा लगाकर आत्महत्या करने के बाद सांसद अनुराग ठाकुर ने कहा कि....
धर्मशाला: मंडी के बल्ह में छेड़छाड़ से परेशान एक नाबालिग लड़की द्वारा फंदा लगाकर आत्महत्या करने के बाद सांसद अनुराग ठाकुर ने कहा कि प्रदेश में कानून व्यवस्था नाम की कोई चीज नहीं है। कोटखाई में गुडिय़ा से रेप और मर्डर मामले के बाद यह दूसरा ऐसा मामला सामने आया है, जिसमें बेटी को परेशान होकर खुद अपनी जान देनी पड़ी। सांसद अनुराग ठाकुर ने कहा कि प्रदेश में दिन-प्रतिदिन अपराधों की संख्या बढ़ती जा रही है और खासकर महिलाओं और बेटियों पर अत्याचार की घटनाएं भी लगातार बढ़ती जा रही हैं लेकिन प्रदेश में इन बढ़ते अपराधों पर काबू पाने में पुलिस और प्रदेश सरकार नाकाम रही है। इन बढ़ते अपराधों की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह को तुरंत इस्तीफा दे देना चाहिए लेकिन मुख्यमंत्री इतने असंवेदनशील हो गए हैं कि न तो वह पीड़िता के घर जाने की जहमत उठाते हैं और ऊपर से बयान देते हैं कि पकड़े गए लोग उनके चाचे-मामे नहीं लगते।
कई मौकों पर दिया असंवेदनशीलता का परिचय
उन्होंने इससे पहले भी कई मौकों पर ऐसे बयान देकर अपने असंवेदनशीलता का परिचय दिया है। पहले उन्होंने शिमला में पीलिया से हुई मौतों पर कहा कि जहां जनसंख्या होती है, वहां मौतें भी होती हैं। फिर शिमला के पास हुए बस दुर्घटना में भी जायजा लेने के लिए 1 महीने का समय लग गया। उन्होंने भ्रष्टाचार में लालू का रिकार्ड का तोड़ा, वहीं कानून व्यवस्था में भी बिहार को पीछे छोड़ा है। ऐसे में उनमें थोड़ी सी भी शर्म बची हो तो वे तुरंत इस्तीफा देंगे। हालांकि नैतिकता तो उनमें है नहीं क्योंकि वो देश के पहले ऐसे मुख्यमंत्री हैं जो बेल पर हैं लेकिन उनसे कुर्सी छूट नहीं रही है। अनुराग ठाकुर ने कहा कि इन सभी चीजों को ध्यान में रखते हुए वह राज्यपाल से अनुरोध करते हैं कि प्रदेश में खराब होती हुई कानून व्यवस्था का संज्ञान लें।