चम्बा में गरजे सीएम सुक्खू, बोले-अब कुएं के मेंढक की तरह उछल-कूद कर रहे बिकाऊ

Edited By Vijay, Updated: 12 Mar, 2024 09:06 PM

cm sukhvinder singh in chamba

जन भावनाओं के साथ खिलवाड़ करने वाले कभी सेवक नहीं हो सकते। जो जनता के वोट से जीत नहीं पाते, वे पैसे के दम पर सत्ता में आना चाहते हैं। धन-बल से सत्ता हथियाने की कोशिश करने वालों को जनता ही बाहर का रास्ता दिखाएगी। यह बात मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह...

चम्बा (काकू चौहान): जन भावनाओं के साथ खिलवाड़ करने वाले कभी सेवक नहीं हो सकते। जो जनता के वोट से जीत नहीं पाते, वे पैसे के दम पर सत्ता में आना चाहते हैं। धन-बल से सत्ता हथियाने की कोशिश करने वालों को जनता ही बाहर का रास्ता दिखाएगी। यह बात मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने चम्बा के चौगान में आयोजित जनसभा में कही। उन्हाेंने कहा कि 27 फरवरी को मेरी कुर्सी के साथ भी छेड़छाड़ हुई। भाजपा नेताओं ने लोकतंत्र की हत्या की कोशिश की। राज्यसभा चुनावों में कुछ विधायक नोट के बल पर बिके और क्राॅस वोटिंग कर दी। उन्होंने सोचा कुर्सी को छीन लिया जाएगा। ये वे लोग हैं जो कुर्सी के बगैर रह नहीं पाते हैं। हम कुर्सी बचाने का प्रयास नहीं करते, कुर्सी का सम्मान करते हैं। सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि जब कोई विधायक बिकाऊ हो तो उसके मन में एक डर होता है। पंचकूला में सीआरपीएफ लगाई गई। हैलीकाॅप्टर से हिमाचल आए और चले गए। 9 दिन बाद चार्टर्ड प्लेन से हरिद्वार पहुंचे। वहां गंगा मैय्या ने कहा कि आपके पाप बड़े हैं, इन्हें नहीं धो सकती...यहां मत नहाओ तो वे ऋषिकेश पहुंच गए। अब कुएं के मेंढक की तरह उछल-कूद कर रहे हैं। हिमाचल देवभूमि हैं, यहां खरीद-फरोख्त की राजनीति जनता बर्दाश्त नहीं करती। उन्होंने कहा कि प्रदेश में कांग्रेस की सरकार ने अब तक 15 महीने का कार्यकाल पूरा किया है। इन 15 महीनों में जो चुनौतियां आईं, उनका युद्ध की तरह सामना किया।

कभी मंत्री तक नहीं बना, कुर्सी की नहीं लालसा
सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि वह परिवारवाद से राजनीति में नहीं आए। एक आम परिवार से सीएम की कुर्सी तक पहुंचा हूं। उन्हें न सत्ता का और न ही कुर्सी का लोभ है। गरीब की पीड़ा दूर कर सकूं, यही मन में भाव लेकर कार्य करता हूं। वीरभद्र ने उन्हें सीपीएस बनाने की बात कही लेकिन यह पद नहीं लिया। मुझे कुर्सी की कोई लालसा नहीं थी। कभी मंत्री तक नहीं बना।

जब कुर्सी संभाली तो खजाने में बचे थे सिर्फ 120 करोड़ रुपए
सुखविंदर सिंह सुक्खू ने जब सीएम की कुर्सी संभाली तो खजाने में सिर्फ 120 करोड़ रुपए बचे थे। कर्मचारियों की तनख्वाह देने के लिए पैसे नहीं थे। भाजपा 5 वर्ष तक कर्जे पर कर्जा लेती रही और प्रदेश पर 75000 करोड़ का ऋण हो चुका था। भ्रष्टाचार के सभी चोर दरवाजे बंद करके किसी तरह आर्थिक सुधार किया और जनता का पैसा जनता तक पहुंचाया। 40 वर्ष की व्यवस्था को बदला और कई नई योजनाएं शुरू कीं।

कागज लेकर मेरे आगे-पीछे चले रहते हैं विधायक
सीएम ने विधायक नीरज नैय्यर की खूब तारीफ की। उन्होंने कहा कि ऐसे सेवा करने वाले राजनीति में बहुत कम लोग होते हैं। अपने क्षेत्र के लोगों के कार्य को लेकर काफी चिंतित रहते हैं। शिमला में कागज लेकर उनके आगे-पीछे चले रहते हैं। उन्हें कई बार मंत्रियों के पास जाने को कहा, लेकिन वह नहीं मानते और काम करवाकर ही छोड़ते हैं।
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