Edited By Vijay, Updated: 30 Aug, 2018 11:11 PM
सीटू से संबंधित सैंकड़ों मनरेगा व निर्माण मजदूरों ने वीरवार को विकास खंड कार्यालय के बाहर जोरदार प्रदर्शन और नारेबाजी की। सीटू सदस्यों के अनुसार पंचायतों में मनरेगा के निर्माण कार्यों को ठेका के आधार पर करवाया जा रहा है और कई जगह तो जे.सी.बी. का...
बिझड़ी: सीटू से संबंधित सैंकड़ों मनरेगा व निर्माण मजदूरों ने वीरवार को विकास खंड कार्यालय के बाहर जोरदार प्रदर्शन और नारेबाजी की। सीटू सदस्यों के अनुसार पंचायतों में मनरेगा के निर्माण कार्यों को ठेका के आधार पर करवाया जा रहा है और कई जगह तो जे.सी.बी. का उपयोग भी किया जा रहा है। मनरेगा मजदूरों को लिखित रूप से काम मांगने पर भी रसीद नहीं दी जाती है। इसके अलावा मनरेगा कार्यों में असैसमैंट के नाम पर नाममात्र दिहाड़ी देकर मनरेगा कानून की धज्जियां उड़ाए जाने के आरोप भी सीटू द्वारा लगाए गए।
इन पंचायतों मेें पनप रही ठेका प्रथा
सीटू के अनुसार ठेका प्रथा उन पंचायतों में ज्यादा पनप रही है, जहां पर प्रधानों को सत्तासीन पार्टी का आशीर्वाद प्राप्त है। मोदी सरकार ने बजट में कटौती कर दी है और इस कारण मनरेगा में कभी सीमैंट का पैसा नहीं आ रहा तो कभी लेबर कंपोनैंट का पैसा न आने से भी मजदूर परेशान हैं। हिमाचल के सांसद मनरेगा में बजट कटौती के मामले संसद और केंद्र सरकार के सामने कभी भी मुद्दा उठाने से बचते रहे हैं।
खंड विकास अधिकारी को सौंपा ज्ञापन
सीटू नेताओं ने खंड विकास अधिकारी को ज्ञापन सौंपा और मांग की है कि मनरेगा मजदूरों को लिखित रूप से काम मांगने पर पंचायत सचिव काम दें और 15 दिन के अंदर रोजगार प्रदान करें, इसके अलावा 14वें वित्त आयोग के भवन निर्माण कार्य को ठेके पर देना बंद किया जाए। इससे पहले सीटू व भवन निर्माण मजदूरों ने बिझड़ बाजार में रैली निकाली जोरदार नारेबाजी की।