साढ़े 4 करोड़ के घोटाले में CID कोर्ट में पेश करेगी चालान

Edited By Punjab Kesari, Updated: 21 Mar, 2018 01:13 AM

cid will present the invoice in court in scam of rs 4 crore rupee

स्टेट सी.आई.डी. ने इंडियन टैक्नोमैक कंपनी के एक घोटाले में चालान तैयार कर दिया है, ऐसे में जांच एजैंसी हिमाचल प्रदेश राज्य विद्युत बोर्ड को साढ़े 4 करोड़ रुपए से अधिक का चूना लगाने से जुड़े मामले में जल्द ही अदालत में चार्जशीट दायर कर देगी।

शिमला: स्टेट सी.आई.डी. ने इंडियन टैक्नोमैक कंपनी के एक घोटाले में चालान तैयार कर दिया है, ऐसे में जांच एजैंसी हिमाचल प्रदेश राज्य विद्युत बोर्ड को साढ़े 4 करोड़ रुपए से अधिक का चूना लगाने से जुड़े मामले में जल्द ही अदालत में चार्जशीट दायर कर देगी। जांच में सी.आई.डी. को कई तथ्य हाथ लगे हैं। सूत्रों के अनुसार जांच में सामने आए तथ्यों के तहत करोड़ों रुपए की धोखाधड़ी से जुड़े मामले में कंपनी के डी.जी.एम. अकाऊंट का अहम रोल रहा है, ऐसे में जांच एजैंसी डी.जी.एम. को मुख्य आरोपी बनाने की तैयारियों में है। इस मामले में सी.आई.डी. को फोरैंसिक लैब से एक रिपोर्ट मिलने का इंतजार था जो बीते दिनों ही जांच एजैंसी को मिल गई है।

अगले हफ्ते तक चालान पेश कर सकती है सी.आई.डी.
चालान को अंतिम रूप देकर अब उसकी लीगल स्क्रूटनी करवाई जा रही है। विद्युत बोर्ड के इलैक्ट्रॉनिक ट्रांसफार्मर के घोटाले में सी.आई.डी. अगले हफ्ते तक चालान पेश कर सकती है। करोड़ों रुपए का चूना लगाने वाली कंपनी की सम्पत्तियां बेचने की भी तैयारियां हो चुकी हैं। इसके तहत पूरा रिकार्ड तैयार कर लिया गया है। सामने आया है कि प्रदेश में कंपनी की करीब 250 से 300 करोड़ रुपए की सम्पत्ति है। ऐसे में सम्पत्ति बेचकर भी कंपनी के घोटाले की प्रतिपूर्ति नहीं की जा सकती है।

करोड़ों की धोखाधड़ी में कई चेहरे शामिल
सी.आई.डी. की जांच में खुलासा हुआ है कि प्रदेश में कंपनी द्वारा की गई करोड़ों की धोखाधड़ी में कई चेहरे शामिल हैं। इसके साथ ही कंपनी का मालिक विदेश भाग चुका है। ऐसे में जांच एजैंसी सभी पहलुओं को देखकर आगामी कदम उठा रही है। इसके साथ ही कंपनी ने कई बैंकों से भी करोड़ों रुपए का कर्ज लिया है।

2009 से 2015 तक ज्यादा दिखाया उत्पादन
नाहन में स्थापित की गई इंडियन टैक्नोमैक कंपनी प्रदेश में करीब 2700 करोड़ रुपए का गोलमाल कर फरार हो गई थी। कंपनी की तरफ से उत्पादन ज्यादा दिखाया गया जबकि वास्तविकता में कंपनी का उत्पादन उतना नहीं था। सूचना के अनुसार कंपनी ने वर्ष 2009 से 2015 तक उत्पादन ज्यादा दर्शाया। कंपनी ने घपला करने के साथ ही आयकर और टैक्स भी नहीं भरा। इसके साथ ही यह भी जांच में सामने आया है कि कंपनी ने 70 एकड़ के करीब जो भूमि फैक्टरी लगाने के लिए खरीदी थी, उसकी आज तक रजिस्ट्री नहीं हुई है।

आबकारी विभाग को भी लगाया चूना
सी.आई.डी. ने प्रारंभिक जांच में मिले तथ्यों के आधार पर कंपनी के खिलाफ 2 एफ.आई.आर. दर्ज की हैं। इसके साथ ही कंपनी के खिलाफ पुलिस में दर्ज करवाया गया एक  केस बीते दिनों सी.आई.डी. को सौंपा गया है जिसे रद्द किया जा सकता है। इसका कारण यह है कि संबंधित आरोपों को लेकर सी.आई.डी. पहले ही मामला दर्ज कर चुकी है। कंपनी के खिलाफ एक एफ.आई.आर. आबकारी एवं कराधान महकमे को 2200 करोड़ रुपए की चपत लगाने से जुड़े मामले में दर्ज की गई है जबकि दूसरा मामला बिजली बोर्ड के साथ बिजली बिल में 5 करोड़ रुपए की जालसाजी करने को लेकर दर्ज किया गया है।

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