Edited By Ekta, Updated: 19 Aug, 2018 01:45 PM
देवभूमि हिमाचल में मालवाहक वाहनों में मौत का सफर आखिर कब थमेगा। मेले के दौरान श्रद्धालु जान हथेली पर रखकर सफर कर रहे हैं। प्रदेश हाईकोर्ट के आदेशों की धज्जियां उड़ाते हुए मालवाहक वाहनों में मौत का सफर बदस्तूर जारी है। गलती किसी से भी हो सकती है मगर...
दौलतपुर चौक/मुबारिपुर चौक (रोहित/सरोच): देवभूमि हिमाचल में मालवाहक वाहनों में मौत का सफर आखिर कब थमेगा। मेले के दौरान श्रद्धालु जान हथेली पर रखकर सफर कर रहे हैं। प्रदेश हाईकोर्ट के आदेशों की धज्जियां उड़ाते हुए मालवाहक वाहनों में मौत का सफर बदस्तूर जारी है। गलती किसी से भी हो सकती है मगर समझदारी इसी में है कि उससे सबक सीखा जाए। पहाड़ी प्रदेश हिमाचल में सड़क हादसों का ग्राफ बढ़ता जा रहा है। सड़क हादसों के अधिकतर मामलों में तकनीकी समस्या के अलावा मानवीय चूक भी सामने आई हैं। कई लोग नियमों को नजरअंदाज करते हैं। प्रदेश में ऐसे कई हादसे हुए हैं जब मालवाहकों में सफर करने वाले श्रद्धालुओं को जान गंवानी पड़ी है।
मालवाहक वाहनों में उपमंडल के धार्मिक स्थलों पर आने वाले कई श्रद्धालु वाहन दुर्घटनाओं का शिकार हो चुके हैं। पिछले वर्ष सितम्बर माह में 2 मालवाहक ट्रकों की वजह से 5 श्रद्धालुओं ने जान गंवाई थी। हैरत की बात तो यह है कि श्रद्धा के नाम पर श्रद्धालु भी अपनी जान को जोखिम में डालकर मालवाहक वाहनों में ही सफर कर मैड़ी पहुंच रहे हैं। कोई हादसा होने पर ही यातायात नियमों के प्रति सख्ती बरतना सांप निकल जाने के बाद लकीर पीटने जैसा है। मालवाहक वाहनों को अस्थायी तौर पर डबल डैकर बना दिया जाता है और साथ ही ओवरलोडिंग तक की जा रही है। इससे दुर्घटनाओं का अंदेशा और बढ़ गया है।
मालवालक वाहनों में श्रद्धालुओं को लाने वाले प्रदेश की सीमा पर एक बार चालान कटवा लेने के बाद नियमों को धत्ता बताते हैं। जहां एक बार चालान कटवाने के बाद नियमों को तोड़ते चलते हैं तो वहीं एक ट्रक चालक ने बताया कि जब मैड़ी साहिब का किराया तय करते हैं तो उसमें चालान के 500 से 2000 तक रुपए जोड़ लिए जाते हैं और आराम से चालान कटवा लिया जाता है। डी.एस.पी. मनोज जम्वाल ने बताया कि लोगों को सुरक्षा नियमों के प्रति जागरूक किया जा रहा है। उन्होंने आम लोगों से भी सहयोग की अपील की है। वहीं एस.पी. दिवाकर शर्मा ने कहा कि पंजाब पुलिस के अधिकारियों को भी इस बाबत अवगत करवाया गया है और ऐसे मालवाहक वाहनों के चालान भी किए जा रहे हैं।