Edited By Ekta, Updated: 27 Sep, 2018 11:39 AM
ऑनलाइन दवाइयों की बिक्री को लेकर कैमिस्ट एसोसिएशन हरकत में आ गई है। ऑल इंडिया कैमिस्ट एसोसिएशन 28 सितम्बर को ऑनलाइन दवा बिक्री के विरोध में धरना-प्रदर्शन करेगी। धरना-प्रदर्शन के माध्यम से इंटरनैट फार्मेसी को मान्यता देने वाले कानून का विरोध किया...
शिमला (जस्टा): ऑनलाइन दवाइयों की बिक्री को लेकर कैमिस्ट एसोसिएशन हरकत में आ गई है। ऑल इंडिया कैमिस्ट एसोसिएशन 28 सितम्बर को ऑनलाइन दवा बिक्री के विरोध में धरना-प्रदर्शन करेगी। धरना-प्रदर्शन के माध्यम से इंटरनैट फार्मेसी को मान्यता देने वाले कानून का विरोध किया जाएगा। हिमाचल प्रदेश कैमिस्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष संजीव पंडित ने बताया कि ऑनलाइन दवा बिक्री से न केवल दवा व्यवसाय को व्यापार का नुक्सान होगा, बल्कि यह पीड़ित मानवता के स्वास्थ्य के लिए भी खतरनाक होगा। हमारे देश की प्रबल युवा पीढ़ी भी इसके दुष्प्रभाव से बच नहीं सकेगी, जोकि हमारे देश के लिए अपूर्णीय क्षति का कारण बन सकती है।
ऑल इंडिया कैमिस्ट एवं ड्रगिस्ट एसोसिएशन ने केंद्र सरकार, संबंधित विभाग के मंत्री, सांसदों, सभी राज्य के स्वास्थ्य विभाग, राज्यों के औषधि विभाग व नियंत्रकों को इस बारे में समय-समय पर ज्ञापन भी दिए हैं। इसके साथ ही तमाम ऐसे केस भी उदाहरण सहित बताए हैं, जिसमें कि असंवैधानिक बिक्री ऑनलाइन सेल करने वाली ऑनलाइन फार्मेसियों द्वारा की गई। अध्यक्ष का कहना है कि अवैधानिक दवा बिक्री के सबूत भी प्रस्तुत किए हैं। इस संबंध में 2 बार भारत कैमिस्ट बंद व 8 घंटे समयबद्ध कार्य आदि के माध्यम से पूर्व में भी विरोध जाहिर किया जा चुका है। इसके बाद भी ऑनलाइन पोर्टलों द्वारा दवा कानून के नियमों का धड़ल्ले से दुरुपयोग किया गया। इसके सबूत देने के बावजूद इन पर कोई कार्रवाई नहीं की गई।
ऐसे हो रहा नुक्सान
-ऑनलाइन पोर्टल बगैर किसी जवाबदेही के दवा के पर्चे की प्रमाणिकता को परखे बगैर दवा उपलब्ध कराते हैं।
-एम.टी.पी. किट, सिडनेफिल, ताडलाफिल, कोडीन जैसी आदत डालने वाली दवाओं को रजिस्टर्ड मैडीकल प्रैक्टीशनर के पर्चे के बगैर भी बेचा जाता है।
-मनोचिकित्सक, त्वचा रोग विशेषज्ञ एवं अन्य विशेषज्ञों के पर्चे पर लिखी जाने वाली दवाओं को गैर-योग्यता प्राप्त चिकित्सकों के पर्चे पर विक्रय किया जाता है। दवाओं की बिक्री पुराने पर्चे या फिर बनावटी पर्चे पर की जाती है।
- प्रति पर्चे कमीशन के लिए मरीजों की जांच के बगैर नकली पर्चे तैयार किए जाते हैं।
-ऑनलाइन माध्यम से बिना किसी लाइसैंस के दवा दी जाती है।