Edited By Ekta, Updated: 07 Oct, 2018 11:00 AM
प्रदेश सरकार ने खनन को लेकर नियमों में फिर बदलाव करने का निर्णय किया है। इसके तहत लीजधारक को खनन क्षेत्र में सी.सी.टी.वी. कैमरे लगाने होंगे। कैमरों को लगाए जाने से इस बात का पता चल सकेगा कि लीजधारक तय क्षेत्र में खनन कर रहा है या नहीं। यदि लीजधारक...
शिमला (कुलदीप): प्रदेश सरकार ने खनन को लेकर नियमों में फिर बदलाव करने का निर्णय किया है। इसके तहत लीजधारक को खनन क्षेत्र में सी.सी.टी.वी. कैमरे लगाने होंगे। कैमरों को लगाए जाने से इस बात का पता चल सकेगा कि लीजधारक तय क्षेत्र में खनन कर रहा है या नहीं। यदि लीजधारक तय क्षेत्र में खनन नहीं करता है तो उसके खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। लीजधारक को अपने क्षेत्र में व्यापक प्रबंध करने होंगे तथा उसे परिधि के बाहर खनन की अनुमति नहीं मिलेगी।
यह निर्णय लीजधारक के दूसरे स्थान पर खनन करने को लेकर लगातार मिल रही शिकायतों को देखते हुए किया है। ये शिकायतें विभाग से लेकर उद्योग मंत्री तक को मिली हैं, जिसमें नियमों का उल्लंघन करने के आरोप लगाए गए हैं। इसे देखते हुए अब सी.सी.टी.वी. कैमरों को लगाने का निर्णय लिया गया है। सी.सी.टी.वी. कैमरों को खनन क्षेत्र में हर समय चालू यानि क्रियाशील रखना होगा। उद्योग विभाग की तरफ से नियमों में संशोधन करने को लेकर आवश्यक निर्देश जारी कर दिए गए हैं।
चम्बा में सीमैंट प्लांट लगाने को लेकर आगे बढ़ रही सरकार पहले चरण में टैंडर प्रक्रिया को आगे नहीं बढ़ा पाई है। पहले इस प्लांट का सितम्बर और अक्तूबर माह के मध्य शिलान्यास करने का प्रस्ताव था। पहले चरण की टैंडर प्रक्रिया में एक ही पार्टी के आने से अब नए सिरे टैंडर को किया जाएगा। इस प्रक्रिया में समय लगेगा, जिससे प्लांट के शिलान्यास में भी देरी होगी। उद्योग मंत्री विक्रम सिंह ने कहा कि खनन के प्रावधानों को कड़ा किया जा रहा है। खनन को लेकर कई तरह की शिकायतें मिलने के दृष्टिगत अब सी.सी.टी.वी. कैमरों को लगाने का निर्णय लिया गया है। इसके अलावा चम्बा सीमैंट प्लांट के लिए एक ही कंपनी के आने से प्रक्रिया में देरी हुई है।