Edited By Ekta, Updated: 30 Nov, 2018 09:33 AM
अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वयक समिति के बैनर तले 207 संगठनों के लाखों किसान व मजदूरों के साथ हिमाचल किसान सभा के 10,000 लोगों ने वीरवार को दिल्ली मार्च में भाग लिया। किसान सभा के सचिव संजय चौहान ने कहा कि केंद्र सरकार के सत्ता में आने के बाद देश...
शिमला (अम्बादत्त): अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वयक समिति के बैनर तले 207 संगठनों के लाखों किसान व मजदूरों के साथ हिमाचल किसान सभा के 10,000 लोगों ने वीरवार को दिल्ली मार्च में भाग लिया। किसान सभा के सचिव संजय चौहान ने कहा कि केंद्र सरकार के सत्ता में आने के बाद देश में किसानों दी जाने वाली सभी तरह की सहूलियतों को बंद कर देने से देश में कृषि व्यवसाय की लागत में बेहताशा इजाफा हुआ है और बाजार में किसानों की पैदावार की सही कीमत नहीं मिल रही है, जिस वजह से वर्तमान सरकार के कार्यकाल के दौरान लगभग 50,000 से ज्यादा किसान आत्महत्या कर चुके हैं।
सरकार को किसान को देनी होंगी सहूलियतें
किसान सभा के राज्य अध्यक्ष कुलदीप सिंह तंवर ने कहा कि मोदी सरकार ने सत्ता में आने से पहले देश में किसान व कृषि की हालत सुधारने को बने स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशें लागू करने की बात मानी थी, जिससे आज वो मुंह फेर चुकी है। उन्होंने कहा कि स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट्स में खुले तौर पर इस बात को माना गया था कि अगर किसानी को फायदेमंद बनाना है और गांवों से शहर के लिए पलायन को रोकना है तो सरकार को किसान को सहूलियतें देनी होंगी। इस अवसर पर हिमाचल प्रदेश से डा. कुलदीप सिंह तंवर, संजय चौहान, ओमकार शाद, सत्यवान पुंडीर और कपिल भारद्वाज आदि कई किसान नेताओं ने भाग लिया।