Edited By Vijay, Updated: 25 Apr, 2018 11:03 PM
हिमाचल की राजनीति में भूचाल मचा देने वाले बहुचर्चित गुड़िया गैंगरेप व मर्डर केस सुलझ गया है। बीते दिनों गिरफ्तार हुआ चारनी ही गुड़िया का असली हत्यारा है। दांदी जंगल में गुडिय़ा के शव और क्राइम सीन से मिले जैनेटिक मैटीरियल का आरोपी अनिल कुमार उर्फ नीलू...
शिमला (राक्टा): हिमाचल की राजनीति में भूचाल मचा देने वाले बहुचर्चित गुड़िया गैंगरेप व मर्डर केस सुलझ गया है। बीते दिनों गिरफ्तार हुआ चारनी ही गुड़िया का असली हत्यारा है। दांदी जंगल में गुडिय़ा के शव और क्राइम सीन से मिले जैनेटिक मैटीरियल का आरोपी अनिल कुमार उर्फ नीलू (25) के डी.एन.ए. से मिलान हो गया है। सी.बी.आई. ने आरोपी का डी.एन.ए. गुडिय़ा के डी.एन.ए. से मैच होने की पुष्टि की है। सामने आया है कि डी.एन.ए. प्रोफाइलिंग की रिपोर्ट के अनुसार आरोपी के डी.एन.ए. का घटना स्थल तथा शव से बरामद डी.एन.ए. सामग्री से 100 प्रतिशत मिलान हुआ है और इसी के बाद ही जांच एजैंसी इस निष्कर्ष पर पहुंची है कि गुड़िया का असली कातिल पकड़ा गया आरोपी ही है। सी.बी.आई. को अब इस मामले में शामिल आरोपी के अन्य साथियों की तलाश है। हालांकि इस बारे में सी.बी.आई. ने फिलहाल कोई भी जानकारी सांझा नहीं की है।
लॉकअप हत्याकांड में 9 पुलिस वाले खा रहे जेल की हवा
गुड़िया मामले को लेकर हिमाचल प्रदेश में बीते वर्ष विधानसभा चुनाव में न केवल खूब राजनीति हुई बल्कि इस मामले ने प्रदेश में सत्ता परिवर्तन में भी अहम भूमिका निभाई। इसी मामले में पूर्व वीरभद्र सिंह सरकार द्वारा गठित एस.आई.टी. ने 6 लोगों को गिरफ्तार किया था। इसी बीच पकड़े गए एक कथित आरोपी की पुलिस लॉकअप में मौत हो गई थी। इसके आरोप में प्रदेश पुलिस के पूर्व आई.जी. जैदी और पूर्व एस.पी. नेगी सहित 9 पुलिस अधिकारी व कर्मचारी इस समय जेल की हवा खा रहे हैं। सी.बी.आई. प्रवक्ता आर.के. गौड़ ने बताया कि गैंगरेप और मर्डर का मामला सुलझ गया है। उन्होंने पकड़े गए आरोपी के डी.एन.ए. मैच होने की पुष्टि की है। उन्होंने कहा कि मामले की जांच जारी है।
250 के ब्लड सैंपल लिए तो 1 हजार से पूछताछ
सी.बी.आई. द्वारा जारी बयान में कहा गया है कि मामले को सुलझाने के लिए लगभग 250 लोगों के घटना स्थल के आसपास के क्षेत्र से खून के सैंपल एकत्र किए। इसके अलावा 1 हजार से अधिक लोगों से पूछताछ की गई।
जम्मू-कश्मीर व उत्तराखंड तक की जांच
केंद्रीय जांच ब्यूरो के अनुसार इस मामले को सुलझाने के लिए हिमाचल के अलावा जम्मू-कश्मीर और उत्तराखंड में भी जांच की गई। सी.बी.आई. के अनुसार आरोपी इस घटना के बाद छुप गया था। इतना ही नहीं, आरोपी मोबाइल फोन का इस्तेमाल नहीं कर रहा था और न ही घर वालों के संपर्क में था। इसलिए सी.बी.आई ने उन लोगों की पहचान की, जिनसे आरोपी पब्लिक टैलीफोन या दूसरे के फोन से संपर्क कर सकता था। इसी कड़ी में काफी प्रयास के बाद आरोपी को जिला शिमला के तहत हाटकोटी के समीप से गिरफ्तार कर लिया गया।
2 अलग-अलग मामले किए थे दर्ज
सी.बी.आई. ने गुड़िया मामले को लेकर 22 जुलाई, 2017 को 2 अलग-अलग मामले दर्ज किए थे। इनमें से पहला मामला गुडिय़ा गैंगरेप और मर्डर केस से जुड़ा था, जबकि दूसरा मामला पुलिस हिरासत में हुई कथित आरोपी सूरज की हत्या को लेकर दर्ज किया गया था। गुडिय़ा केस में सी.बी.आई. ने हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट के आदेशों पर आई.पी.सी. की धारा 302 व 376 तथा पोस्को एक्ट की धारा-4 के तहत दर्ज किया गया था। इसके साथ ही सूरज लॉकअप हत्याकांड मामले में आई.पी.सी. की धारा 302 के तहत एफ.आई.आर. दर्ज की गई थी।
कांगड़ा के बैजनाथ का है आरोपी
सी.बी.आई. ने पकड़े गए आरोपी की पहचान सार्वजनिक कर दी है। जांच एजैंसी के अनुसार पकड़े गए आरोपी का नाम अनिल कुमार उर्फ नीलू है और वह कांगड़ा जिला की बैजनाथ तहसील का रहने वाला है। आरोपी को सी.बी.आई. ने 13 अप्रैल को शिमला जिला के हाटकोटी के पास एक गांव से गिरफ्तार किया था। पहले कयास लगाए जा रहे थे कि यह आरोपी मंडी जिला का रहने वाला है।