हिमाचल को 20 साल बाद केंद्र से कैंपा के तहत मिला इतने हजार करोड़ का बजट

Edited By Vijay, Updated: 29 Aug, 2019 09:46 PM

campa budget to himachal

20 साल बाद केंद्र ने हिमाचल को कैंपा का लंबित 1,660 करोड़ रुपए का बजट जारी किया है। इससे पूर्व कें द्र सरकार प्रदेश को कैंपा के पूरे बजट का केवल ब्याज ही जारी करती थी, जो मात्र 40 या 50 करोड़ रुपए रहता था लेकिन इस बार प्रदेश को कैंपा का पैंडिंग बजट...

शिमला: 20 साल बाद केंद्र ने हिमाचल को कैंपा का लंबित 1,660 करोड़ रुपए का बजट जारी किया है। इससे पूर्व कें द्र सरकार प्रदेश को कैंपा के  पूरे बजट का केवल ब्याज ही जारी करती थी, जो मात्र 40 या 50 करोड़ रुपए रहता था लेकिन इस बार प्रदेश को कैं पा का पैंडिंग बजट जारी किया गया है। दिल्ली में वन मंत्रियों के सम्मेलन के बाद केंद्रीय वन मंत्री ने प्रदेश के वन मंत्री गोविंद ठाकुर को 1,660 करोड़ रुपए का चैक भेंट किया। वन मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर ने इस संबंध में जानकारी देते हुए बताया कि भारत सरकार ने कैंपा के तहत राज्य के लिए 1,660 करोड़ रुपए की लंबित धनराशि जारी कर दी है। इस राशि को प्रदेश में विभिन्न वानिकी गतिविधियों में व्यय किया जाएगा। यह राशि प्रदेश सरकार के खाते में ट्रांसफर की गई है। उन्होंने इस धनराशि को जारी करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व केंद्रीय वन मंत्री प्रकाश जावड़ेकर का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि यह राशि प्रदेश में हरित आवरण में वृद्धि और लोगों को रोजगार के व्यापक अवसर उपलब्ध करवाने में लाभकारी सिद्ध होगी।

वन मंत्री ने बैठक में उठाए कई महत्वपूर्ण मुद्दे

इससे पूर्व वन मंत्री गोविंद ठाकुर ने केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री प्रकाश जावड़ेकर की अध्यक्षता में आयोजित वन मंत्रियों के सम्मेलन में कैंपा और वन विभाग से संबंधित प्रदेश के विभिन्न महत्वपूर्ण मामलों को उठाया। उन्होंने हिमाचल प्रदेश को फ ोरैस्ट क्लीयरैंस एक्ट-1980 के तहत विकास परियोजनाओं को त्वरित स्वीकृतियां प्रदान करने के उद्देश्य से हिमाचल प्रदेश को क्षेत्रीय वन कार्यालय देहरादून के बजाय केंद्रीय वानिकी एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के क्षेत्रीय कार्यालय चंडीगढ़ के अंतर्गत लाने का आग्रह किया। वन मंत्री ने विकास की गति को बढ़ावा देने के लिए एफ .सी.ए.-1980 के अंतर्गत प्रदेश सरकार को एक हैक्टेयर के स्थान पर 5 हैक्टेयर सीमा तक विकास परियोजनाओं के लिए वन मंजूरी देने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार को ईको टूरिज्म के क्रियान्वयन के लिए इसे वानिकी गतिविधियां मानकर मापदंड निर्धारित करने चाहिए।

कैंपा निधि के तहत पैसे खर्च करने को बहाल की जाए पुरानी प्रणाली 

उन्होंने सम्मेलन के दौरान कैंपा से संबंधित विभिन्न मुद्दों को भी उठाया और सीएएफ  अधिनियम-2016 और सीएएफ  नियम-2018 के तहत परिकल्पित राष्ट्रीय प्राधिकरण से निधि के हस्तांतरण की मांग की। उन्होंने राज्य कैंपा निधि के तहत पैसा खर्च करने के लिए लेखांकन प्रक्रिया के सरलीकरण और ट्रेजरी मोड के स्थान पर पुरानी प्रणाली बहाल करने का आग्रह किया। उन्होंने वन अपराधों और आग की घटनाओं को रोकने के लिए फ ील्ड अधिकारियों को किराए पर वाहन इस्तेमाल करने का प्रावधान करने का सुझाव दिया। उन्होंने कहा कि नियमों में बुनियादी ढांचे के विकास के तहत फ्रंट लाइन कर्मचारियों के कार्यालय व आवासीय भवनों के रखरखाव के लिए भी प्रावधान किया जाना चाहिए।

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