केबिनेट मीटिंग : जलशक्ति विभाग में भरे जाएंगे 2322 पद, शाहपुर में नगर पंचायत गठन को स्वीकृति

Edited By prashant sharma, Updated: 11 Aug, 2020 05:16 PM

cabinet meeting 2322 posts to be filled in water power department

प्रदेश में रोजगार को बढ़ावा देने के उद्देश्य से जयराम सरकार ने कैबिनेट की बैठक में बड़ा फैसला लिया है। हिमाचल प्रदेश कैबिनेट की आज यहां आयोजित बैठक में जल शक्ति विभाग में 2322 कार्यकर्ताओं की नियुक्ति करने का निर्णय लिया गया।

शिमला : प्रदेश में रोजगार को बढ़ावा देने के उद्देश्य से जयराम सरकार ने कैबिनेट की बैठक में बड़ा फैसला लिया है। हिमाचल प्रदेश कैबिनेट की आज यहां आयोजित बैठक में जल शक्ति विभाग में 2322 कार्यकर्ताओं की नियुक्ति करने का निर्णय लिया गया। इनमें विभागीय पैरा कार्यकर्ता नीति के अंतर्गत 718 पैरा पंप ऑपरेटर, 162 पैरा फिटर्स और 1442 बहुउद्देशीय कार्यकर्ता शामिल हैं, जो 486 पेयजल और 31 सिंचाई योजनाओं का संचालन करेंगे।

इसके साथ ही केबिनेट बैठक में बिलासपुर के झंडूता में नया पीडब्ल्यूडी डिवीजन खोलने को स्वीकृति मिल गई है। इसके तहत झंडूता, बरठी व कलोल उपमंडल होंगे। कलोल घुमारवीं उपमंडल में है। इसके अलावा बैठक में और मुद्दे पर भी महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया है। जिला कांगड़ा के शाहपुर को नगर पंचायत बनाए जाने की भी मंजूरी प्रदान की है। विभिन्न श्रेणियों के सात पद भी भरे जाएंगे। साथ ही मंडी की सरकाघाट नगर पंचायत को नगर परिषद का दर्जा दिया गया है। टोल पॉलिसी 2020 21 में भी छूट दी गई है। 

वार अवार्ड एक्ट 1972 के तहत मिलने सालाना वार जागीर राशि को पांच हजार से बढ़ाकर 7 हजार कर दिया है। कैबिनेट ने सरकारी पॉलिटेक्निक महाविद्यालय सुंदरनगर में लेक्चरर का एक पद और पॉलिटेक्निक कॉलेज रोहड़ू में लेक्चरर का भरने को स्वीकृति दी है। यह पद अनुबंध आधार पर भरे जाएंगे। बैठक में राष्ट्रीय एंबवुलेंस सर्विस-108 के सुचारू संचालन के लिए विशेष अंतरिम उपाय के रूप में समझौता प्रावधानों के ऊपर प्रावधान करने और जीवीके-ईअमआरआई के कर्मचारियों को अंतरिम वेतन का भुगतान करने का निर्णय लिया गया।

बैठक में टोल नीति-2020-21 की शर्त संख्या 2.14 के खंड 3 के अंतर्गत उन सभी व्यक्तियों को टोल पट्टों के आवंटन की निविदा एवं नीलामी प्रक्रिया में भाग लेने की अनुमति प्रदान की गई, जिन्होंने वर्ष 2019-20 में टोल पट्टे के लंबित बकायों को चुका दिया है। इसके साथ ही कोविड-19 महामारी और लॉकडाऊन के उपरान्त प्रदेश के पुष्प उत्पादकों को मार्च से मई, 2020 महीनों में फूलों के परिवहन की सुविधा न मिलने के कारण लगभग 15.77 करोड़ रुपये का नुकसान उठाना पड़ा है। इसलिए उन्हें लाभ प्रदान करने के लिए मंत्रिमण्डल ने प्रभावित पुष्प उत्पादकों को चार करोड़ रुपये की सहायता प्रदान करने के लिए दिशा-निर्देशों को अपनी स्वीकृति प्रदान की।
 

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