Edited By Jinesh Kumar, Updated: 15 Sep, 2018 03:48 PM
नगर निगम धर्मशाला को लेकर धर्मशाला भाजपा मंडल एक बार फिर से सामने आ गया है। शनिवार को भाजपा धर्मशाला मंडल ने जहां कांग्रेस के निगम में पार्षदों पर तो ...
धर्मशाला (जिनेश) : नगर निगम धर्मशाला को लेकर धर्मशाला भाजपा मंडल एक बार फिर से सामने आ गया है। शनिवार को भाजपा धर्मशाला मण्डल ने जहां कांग्रेस के निगम में पार्षदों पर तो हमला बोला ही साथ ही पूर्व मंत्री पर भी निशाना साध दिया। पूर्व मंत्री पर निशाना साधते हुए मंडल के पदाधिकारियों ने कहा कि धर्मशाला में पूर्व में हुए कार्यों व अन्य घोषणाओं को लेकर जब वर्तमान मंत्री उनका जायजा लेने कही जा रहे है और अनिमितताएं देख रहे है तो पूर्व मंत्री उस बात के लिए ब्यान जारी कर रहे है कि वह इन बातों से आहत हो रहे है। पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए धर्मशाला भाजपा मंडल के मीडिया प्रभारी राजेश शर्मा ने आरोप लगाया कि निगम में कांग्रेस पार्षदों के बहुमत में होने के कारण स्मार्ट सिटी के रुके हुए विकास कार्यों पर ग्रहण लगा हुआ है।
धर्मशाला स्मार्ट नहीं बल्कि डर्टी सिटी में हुई तब्दील
उन्होंने यह भी आरोप लगाए कि पिछले 2 सालों में धर्मशाला स्मार्ट नहीं बल्कि डर्टी सिटी में तब्दील हो चुकी है। उन्होंने कहा कि पार्षद न काम करते हैं और न करने देते हैं जिसकी वजह से विकास कार्यों में वाधा पड़ रही है। राजेश शर्मा ने कहा कि नगर निगम की बैठकों में न अनुशासन होता है न विकास कार्यों पर चर्चा। उन्होंने धर्मशाला नगर निगम के तहत हुए सफाई के टैंडर पर सवालियां निशान लगाते हुए कहा कि पिछली सरकार के समय निगम में सफाई व्यवस्था के लिए 16 लाख 53 हजार रुपए का टेंडर बांटा गया था, लेकिन ठेकेदार के साथ बिना कोई एग्रीमेंट किए हुए ठेकेदार को पहले सफाई का काम दे दिया और फिर एक साल बाद उसी ठेकेदार को कुछ अधिकारियों की मिलीभगत से एग्रीमेंट को 3 साल के लिए बढ़ा दिया। उन्होंने आरोप लगाया कि पूर्व में ठेकेदार के जरिए निगम की सफाई के लिए 140 सफाई कर्मियों को ठेकेदार से नियुक्ति हुई थी, लेकिन जब वर्तमान सरकार के मनोनित पार्षदों ने इस बात का निरीक्षण किया तो मात्र 40 ही कर्मचारियों के पास उक्त ठेकेदार के पमाण पत्र मिले।