BJP ने फिर फोड़ा चार्जशीट बम, CM वीरभद्र व सुधीर शर्मा पर लगाए 25 आरोप

Edited By Punjab Kesari, Updated: 25 May, 2017 10:06 PM

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भाजपा ने एक बार फिर चार्जशीट बम फोड़ते हुए मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह, शहरी विकास एवं आवास मंत्री सुधीर शर्मा तथा नगर निगम शासित माकपा को निशाने पर लिया है।

शिमला: भाजपा ने एक बार फिर चार्जशीट बम फोड़ते हुए मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह, शहरी विकास एवं आवास मंत्री सुधीर शर्मा तथा नगर निगम शासित माकपा को निशाने पर लिया है। पार्टी ने अपनी चार्जशीट में 25 आरोप लगाए हैं, जिसकी सी.बी.आई. से जांच करवाए जाने की मांग की है। भाजपा का आरोप है कि धर्मशाला को दूसरी राजधानी बनाकर शिमला के महत्व को कम किया गया है। इसी तरह शिमला को जानबूझ कर स्मार्ट सिटी की दौड़ से बाहर रखकर धर्मशाला को यह दर्जा प्रदान किया गया। भाजपा ने डी.सी. के माध्यम से राज्यपाल को यह चार्जशीट सौंपी है, जिसमें प्रदेश सरकार के साथ चुनाव आयुक्त को बर्खास्त करने की मांग की है। 

सफाई के क्षेत्र में 47वें स्थान पर पहुंच गया शिमला
भाजपा विधायक सुरेश भारद्वाज के नेतृत्व में सौंपी गई इस चार्जशीट के मौके पर प्रदेश उपाध्यक्ष गणेश दत्त और शिमला मंडल अध्यक्ष प्रदीप कश्यप भी साथ थे। पार्टी की तरफ से सौंपी गई चार्जशीट में आरोप लगाया गया है कि जो शिमला सफाई व पर्यटन नगरी के रूप में विश्व विख्यात था, आज वह सफाई के क्षेत्र में 47वें स्थान पर पहुंच गया। चार्जशीट में कहा गया है कि सरकार, प्रदेश चुनाव आयोग व नगर निगम असफलताओं को छिपाने के लिए लोकतंत्र की हत्या कर रहे हैं तथा नगर निगम चुनाव न करवाकर संविधान का उल्लंघन कर रहे हैं। 

निगम का जनता को पानी देने का वायदा झूठा साबित हुआ 
पार्टी का कहना है कि निगम के मेयर व डिप्टी मेयर की तरफ से 24 घंटे 7 दिन शहर की जनता को पानी देने का वायदा किया था जो झूठा साबित हुआ है। सीवरेज सैस के नाम पर भी अवैध वसूली की जा रही है। पार्टी का आरोप है कि शहर के लोगों को गंदा पानी पिलाया गया, जिससे 32 लोगों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा और हजारों लोग पीलिया रोग से ग्रस्त हुए। चार्जशीट में कहा गया है कि नगर निगम के मेयर व डिप्टी मेयर ढिंढोरा पीटते थकते नहीं थे कि वो यूनिट एरिया मैथड को लागू नहीं होने देंगे जबकि सत्ता में आने के बाद इस प्रणाली को लागू करके टैक्स का बोझ जनता पर डाल दिया। 

हॉलीलॉज जाने वाली सड़क पर कटे पेड़ 
भाजपा का कहना है कि शिमला के हॉलीलॉज को जाने वाली सड़क को चौड़ा करने के लिए जबरदस्ती निजी भूमि लेने के लिए अधिकारियों पर दबाव डाला जा रहा है। जोधा निवास स्थित पार्किंग के साथ खड़े हरे पेड़ों को काटने की अनुमति नगर निगम व सरकार की तरफ से किस आधार पर दी गई, यह स्पष्ट होना चाहिए। इसी प्रकार हॉलीलॉज में गैस्ट हाऊस के निर्माण के लिए नगर निगम व सरकार की तरफ से ही पेड़ को काटने की अनुमति प्रदान कर अपराध किया गया। भाजपा का कहना है कि एशियन विकास बैंक (ए.डी.बी.) के सहयोग से माल रोड के सौंदर्यीकरण परियोजना को बदला जा रहा है। हरियाली के स्थान पर कंकरीट की दीवारें बनाई जा रही हैं। 

निजी लैब को पहुंचाया लाभ
चार्जशीट में आरोप लगाया गया है कि शहर में निजी लैब को फ ायदा पहुंचाने के लिए टैसिं्टग का काम आऊटसोर्स किया गया। निजी लैब में टैस्ट के दाम बार-बार बढ़ाए जा रहे हैं तथा अस्पताल का बड़ा भाग इनको सौंपा गया है। टैस्टिंग व आऊटसोर्स के माध्यम से चहेते कर्मचारियों को नौकरियां दी जा रही हंै और उनका वेतन सामान्य वेतन से 30 फीसदी अधिक होता है। डी.डी.यू. में पूर्व भाजपा सरकार की तरफ से नए भवन निर्माण कार्य प्रारम्भ किया गया था लेकिन कांग्रेस सरकार ने अपनी पट्टिका लगाने के लिए अधूरे अस्पताल का उद्घाटन कर दिया। अस्पतालों में सफ ाई व डाइट के ठेके देने में भाई-भतीजावाद किया जा रहा है तथा बिना टैंडरों के अपने चहेतों को काम दिया जा रहा है।

बसों की बॉडी बनाने में घोटाला
जे.एन.एन.यू.आर.एम. के अंतर्गत 800 बसों की खरीद की गई, जिसमें 300 करोड़ रुपए भारत सरकार से प्राप्त हुए थे। भाजपा का कहना है कि इन बसों की बॉडी बनाने में बड़ा घोटाला हुआ है। ये बसें जे.एन.एन.यू.आर.एम. के तहत शिमला शहर में चलाई जानी थीं लेकिन ये शहर की सड़कों में चलने लायक नहीं हैं। लम्बी बसों के कारण शिमला में आए दिन जाम लगता है तथा शहर के सभी भागों में यह बस नहीं चलाई जा सकती है। इसके कारण जनता को काफ ी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। नौकरियां एक संस्था की तरफ से आऊटसोर्स करके दी गई हैं। इससे एक विशेषज्ञ के लिए 52,000 हस्ताक्षर लिए जाते हैं तथा उसे केवल 25,000 हजार रुपए दिया जाता है व 22 करोड़ रुपए से अधिक वेतन आदि पर खर्च किया गया है। 

चर्च पर खर्च किए करोड़ों 
चार्जशीट में कहा गया है कि कराइस्ट चर्च व कैथोलिक चर्च के सौंदर्यीकरण के नाम पर भी करोड़ों रुपए खर्च किए जा रहे हैं। इसके लिए निजी कम्पनी की तरफ से नियुक्त करवाए गए सलाहकारों को लाखों रुपए दिए जा रहे हंै। टाऊन हाल के जीर्णोद्धार के नाम पर मामूली बदलाव के नाम पर करोड़ों रुपए खर्च किए जा रहे हैं। शहर में सभी सुविधाओं टैलीफ ोन, बिजली व पानी की लाइनों को एक साथ रखने के लिए डक्ट का निर्माण किया जाना था, जिसे सौंदर्यीकरण परियोजना से हटा दिया गया। नगर निगम शिमला के अनेक स्थानों पर एस्कलेटर का निर्माण परियोजना के अंतर्गत किया जाना था। इस पर अभी तक कोई कार्य नहीं हुआ और इसको परियोजना से रद्द कर दिया गया है। इस योजना की डी.पी.आर. तैयार करने के लिए करोड़ों रुपए का खर्चा आया जोकि व्यर्थ हो गया। इसकी जांच होनी चाहिए।

भरयाल कूड़ा संयंत्र से भागे ठेकेदार
चार्जशीट में कहा गया है कि शिमला में भरयाल कूड़ा संयंत्र से एक ठेकेदार भाग गया तथा अब दूसरी कंपनी को काम सौंपा गया है। लिहाजा ऐसे में कूड़ा संयंत्र के निर्माण व कार्य की उच्च स्तरीय जांच की जानी चाहिए।

बिजली के घटिया मीटर लगाए
सरकार की तरफ से शिमला में जबरदस्ती बिजली बोर्ड द्वारा बिना किसी शिकायत से पुराने मीटर जो बढिय़ा काम कर रहे थे, उन मीटरों को बदलकर नए घटिया मीटर लगा दिए गए, जिन्हें लगाने से भारी घोटाला हुआ है।

बर्फबारी के बाद 7 दिन ब्लैकआऊट
भाजपा का कहना है कि हिमाचल सरकार व नगर निगम शिमला की कार्यप्रणाली इस वर्ष जनवरी माह में देखने को मिली, जब एक रात बर्फ  गिरने के बाद शहर में 7 दिन तक बिजली और पानी से लोगों को वंचित रहना पड़ा। इस कारण रास्तों को ठीक करने में करीब 15 दिन लग गए।

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