पतलीकूहल ट्राऊट मछली पालन केंद्र फिर होगा पुनर्जीवित

Edited By Kuldeep, Updated: 08 Dec, 2018 05:28 PM

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बरसात के मौसम के दौरान मत्स्य विभाग के कुल्लू जिला के पतलीकूहल के ट्राऊट मछली पालन केंद्र को पुनर्जीवित करने के लिए विभाग ने एक योजना बनाकर केंद्र को स्वीकृति के लिए भेजी है।

बिलासपुर (बंशीधर): बरसात के मौसम के दौरान मत्स्य विभाग के कुल्लू जिला के पतलीकूहल के ट्राऊट मछली पालन केंद्र को पुनर्जीवित करने के लिए विभाग ने एक योजना बनाकर केंद्र को स्वीकृति के लिए भेजी है। जानकारी के अनुसार मत्स्य पालन विभाग ने केंंद्र से योजना के तहत इस फार्म के लिए 40 करोड़ रुपए की मांग की है। विभाग ने इसके लिए बाकायदा बरसात के दौरान हुए नुक्सान की रिपोर्ट बनाकर भेज दी है। योजना के तहत यदि विभाग को केंद्र से 40 करोड़ रुपए की राशि मिल जाती है तो विभाग इनमें से 34 करोड़ रुपए ट्राऊट फिश फार्म को पुनर्जीवित करने पर खर्च किए जाएंगे जबकि शेष राशि को इस फिश फार्म को आधुनिक बनाने पर खर्च किया जाएगा। विभाग केंद्र से स्वीकृति मिलने के बाद आगामी कार्य योजना को अंतिम रूप देगा। सर्वाधिक नुक्सान पतलीकूहल ट्राऊट फार्म को हुआ है जबकि चम्बा के होली ट्राऊट फार्म, मंडी के जंजैहली फार्म और नालागढ़ में कार्यरत कॉर्प फार्म को भी नुक्सान पहुंचा है। बताते चलें कि बरसात के मौसम में पतलीकूहल फार्म में पानी की सप्लाई के लिए स्थापित 3 में से 2 डी-सिल्टेशन टैंक भी बह गए हैं। इतना ही नहीं, इस फार्म में करीब 100 किं्वटल ट्राऊट प्रजाति की मछली भी समाप्त हो गई है।

पतलीकूहल फार्म से ही प्रदेश के सभी ट्राऊट फार्मों के लिए मछली भेजी जाती

इस फार्म को हुए नुक्सान के कारण प्रदेश में कार्यरत 6 ट्राऊट फार्मों में सीड और फीड की सप्लाई को भी फिलहाल ब्रेक लग गई है क्योंकि पतलीकूहल फार्म से ही प्रदेश के सभी ट्राऊट फार्मों के लिए मछली भेजी जाती है। पतलीकूहल में फीड मिल जाती है लेकिन बरसात में हुए नुक्सान के चलते फीड मिल को हुए नुक्सान के कारण यहां पर फीड की प्रोडक्शन भी प्रभावित हुई है। मत्स्य निदेशक सतपाल मेहता ने बताया कि विभाग के फिश फार्मों को बरसात के मौसम में काफी नुक्सान हुआ है। उन्होंने बताया कि विभाग द्वारा किए गए आकलन के तहत पतलीकूहल फार्म को पुनर्जीवित करने के लिए करीब 45 करोड़ रुपए की आवश्यकता है। उन्होंने बताया कि पिछले दिनों केंद्र से आई टीम ने भी नुक्सान का जायजा लिया है। उन्होंने बताया कि प्रदेश में पतलीकूहल फार्म एक मदर फार्म है, जहां सीड और फीड दोनों ही बड़े पैमाने पर तैयार की जाती हैं और यहीं से ही प्रदेश के अन्य 6 ट्राऊट फार्मों के लिए सीड और फीड की सप्लाई भी होती है। नुक्सान की वजह से सारा काम ठप्प हो गया है, जिसकी रिपोर्ट राज्य सरकार व केंद्र को भेजी गई है। उन्होंने बताया कि इसी रिपोर्ट के आधार पर पैसा स्वीकृत होगा।

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