बालूगंज पुलिस थाना में पेश नहीं हुए निर्दलीय विधायक व पूर्व विधायक के पिता, वकीलों ने दी ये दलील

Edited By Vijay, Updated: 15 Mar, 2024 08:03 PM

baluganj police station

उच्च न्यायायल से अग्रिम जमानत पाने और बालूगंज पुलिस थाना में पुलिस जांच में शामिल होने के आदेशों के बाद हमीरपुर के निर्दलीय विधायक आशीष शर्मा और गगरेट के पूर्व विधायक चैतन्य शर्मा के पिता राकेश शर्मा शुक्रवार को पुलिस थाना बालूगंज नहीं पहुंचे।

शिमला (संतोष): उच्च न्यायायल से अग्रिम जमानत पाने और बालूगंज पुलिस थाना में पुलिस जांच में शामिल होने के आदेशों के बाद हमीरपुर के निर्दलीय विधायक आशीष शर्मा और गगरेट के पूर्व विधायक चैतन्य शर्मा के पिता राकेश शर्मा शुक्रवार को पुलिस थाना बालूगंज नहीं पहुंचे। इनकी जगह पर दोनों के वकील इस दलील के साथ उपस्थित हुए कि दोनों बीमार चल रहे हैं और अनफिट होने के कारण वे पुलिस जांच में सहयोग नहीं कर सकते हैं क्योंकि वे डॉक्टरों की सलाह पर आराम कर रहे हैं, इसलिए उन्हें वक्त दिया जाए। उच्च न्यायालय ने 12 मार्च को दोनों आरोपियों को सशर्त जमानत दी थी और 15 जनवरी को बालूगंज थाना में पुलिस जांच में उपस्थित रहने के आदेश दिए थे। अग्रिम जमानत याचिका पर शनिवार को फिर से सुनवाई होनी है। इस मामले में एसपी द्वारा एसआईटी का गठन किया गया है और पुलिस का कहना है कि इस मामले की जांच तभी आगे बढ़ेगी, जब दोनों आरोपी थाने में आकर जांच में सहयोग करेंगे।

विभिन्न आपराधिक धाराओं व भ्रष्टाचार अधिनियम के तहत दर्ज हुआ है केस
कांग्रेस के 2 विधायक सीपीएस संजय अवस्थी और भुवनेश गौड़ की शिकायत पर बालूगंज पुलिस थाना में निर्दलीय विधायक आशीष शर्मा और चैतन्य शर्मा के पिता सेवानिवृत्त आईएएस राकेश शर्मा के खिलाफ भारतीय दंड संहिता 171ई और 171सी, 120बी और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 7 व 8 के तहत मामला दर्ज हुआ है। दर्ज मामले में इन दोनों के अलावा अन्य अज्ञात लोगों को भी नामजद किया है। शिकायत के मुताबिक बागी विधायक के पिता और निर्दलीय विधायक पर राज्यसभा चुनाव में वोटों की खरीद-फरोख्त करने, रिश्वत व पैसों के लेन-देन का आरोप लगा है। इन पर राज्यसभा चुनाव को गलत तरीके से प्रभावित करने का भी आरोप है। शिकायतकर्त्ताओं ने यह भी आरोप लगाया है कि आरोपितों ने सरकार गिराने के लिए षड्यंत्र रचा। गगरेट के निष्कासित विधायक चैतन्य शर्मा के पिता राकेश शर्मा उत्तराखंड में मुख्य सचिव के पद से सेवानिवृत्त हुए हैं। शिकायतकर्त्ताओं ने पुलिस को चौपर, होटलों के बिलों व अन्य खर्चों की जानकारी भी दी है जबकि एसआईटी राज्यसभा चुनाव के दौरान विधानसभा परिसर की सीसीटीवी फुटेज भी खंगाल चुकी है।

क्रॉस वोटिंग से भाजपा की झोली में गई है राज्यसभा सीट
हिमाचल में राज्यसभा चुनाव 27 फरवरी को हुआ था। उस दौरान उक्त 9 विधायकों की क्रॉस वोटिंग की वजह से यह सीट भाजपा के खाते में चली गई। भाजपा के उम्मीदवार हर्ष महाजन ने कांग्रेस के दिग्गज नेता अभिषेक मनु सिंघवी को पराजित किया। क्रॉस वोटिंग के बाद भी दोनों दलों के उम्मीदवारों को 34-34 वोट मिले थे, जिसके बाद पर्ची के माध्यम से विजेता उम्मीदवार का फैसला हुआ था और भाजपा प्रत्याशी हर्ष महाजन जीत गए।
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