Edited By Ekta, Updated: 19 Aug, 2018 11:27 AM
1134 करोड़ रुपए के बागवानी विकास प्रोजैक्ट के तहत इटली से सेब के पौधे आयात करने के मामले में विभागीय अधिकारी नप सकते हैं। पौधे देरी से आयात करने पर बागवानी मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर भवें तरेर चुके हैं। खासकर इटली की वीटाफ्रूट कंपनी द्वारा देरी का...
शिमला (देवेंद्र): 1134 करोड़ रुपए के बागवानी विकास प्रोजैक्ट के तहत इटली से सेब के पौधे आयात करने के मामले में विभागीय अधिकारी नप सकते हैं। पौधे देरी से आयात करने पर बागवानी मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर भवें तरेर चुके हैं। खासकर इटली की वीटाफ्रूट कंपनी द्वारा देरी का ठीकरा राज्य के बागवानी विकास परियोजना निदेशक पर फोडऩे के बाद अब विभागीय अधिकारियों पर गाज गिरना लगभग तय माना जा रहा है। वीटाफ्रूट कंपनी के साथ किए गए एग्रीमैंट के मुताबिक इटली से पौधों की खेप इस साल 30 जनवरी से 15 फरवरी के बीच हिमाचल पहुंचनी थी लेकिन यह खेप करीब 4 माह देरी से प्रदेश पहुंचती है।
कंपनी ने तर्क दिया है कि हिमाचल की ओर से ऑर्डर ही देरी से दिया गया है। राज्य सरकार के नोटिस पर वीटाफ्रूट कंपनी भी इन पौधों की जीवन दर (सरवाइवल रेट) की गारंटी लेने से पल्ला झाड़ रही है। वीटाफ्रूट कंपनी ने 12 जनवरी 2018 के पत्राचार में कहा था कि हिमाचल को सेब के पौधे देते हुए यह तीसरा साल है, लेकिन राज्य द्वारा हर साल ऑर्डर में देरी की गई है जबकि इंडिया में प्लांटिंग का काम जनवरी और फरवरी माह में होता है। बीते 3 सालों से हर बार देरी से पौधे आयात किए गए हैं।