Edited By kirti, Updated: 30 Jun, 2018 12:14 PM
प्रदेश प्रशासनिक ट्रिब्यूनल के अलावा हाईकोर्ट में भी शुक्रवार को वकीलों ने अदालतों का बहिष्कार किया। यह बहिष्कार प्रशासनिक ट्रिब्यूनल व हाईकोर्ट की बार एसोसिएशनों की ओर से ट्रिब्यूनल में प्रशासनिक सदस्यों के रिक्त पड़े पदों को न भरने के कारण विरोध...
शिमला : प्रदेश प्रशासनिक ट्रिब्यूनल के अलावा हाईकोर्ट में भी शुक्रवार को वकीलों ने अदालतों का बहिष्कार किया। यह बहिष्कार प्रशासनिक ट्रिब्यूनल व हाईकोर्ट की बार एसोसिएशनों की ओर से ट्रिब्यूनल में प्रशासनिक सदस्यों के रिक्त पड़े पदों को न भरने के कारण विरोध स्वरूप किया गया। प्रशासनिक ट्रिब्यूनल बार एसोसिएशन के अध्यक्ष आदर्श वशिष्ठ ने बताया कि इस बाबत 2 बार राज्य सरकार को प्रस्ताव भेजा जा चुका है मगर राज्य सरकार की ओर से कोई भी कदम नहीं उठाए गए हैं। शुक्रवार को ट्रिब्यूनल बार एसोसिएशन की कार्यकारिणी ने मुख्यमंत्री से भेंट कर उन्हें ज्ञापन सौंपा।
गौरतलब है कि लंबे समय से प्रशासनिक प्राधिकरण में सदस्यों के 2 पद रिक्त पड़े हैं। राज्य सरकार की ओर से इन पदों को भरने के लिए कोई भी कदम नहीं उठाए जा रहे हैं, जिस कारण प्रशासनिक प्राधिकरण का कार्य बुरी तरह से प्रभावित हो रहा है। प्रशासनिक प्राधिकरण में इस समय अध्यक्ष व न्यायिक सदस्य के पद ही भरे हुए हैं। वकीलों का कहना है कि ट्रिब्यूनल में लंबित मामलों की संख्या को देखते हुए एक अतिरिक्त बैंच के गठन की आवश्यकता है। इस कारण अतिरिक्त पदों के सृजन की मांग भी की गई। मुख्यमंत्री ने इस मामले में जल्द ही फैसला लेने का आश्वासन दिया है।