बीड़ बिलिंग व सोलंगनाला के बाद अब चंबा में भी उड़ान भरे सकेंगे मानव परिंदे

Edited By Ekta, Updated: 15 Nov, 2019 11:50 AM

after bir billing and solngnala longer full flight in chamba human bird

प्रदेश में अब तक महज बीड़ बिलिंग व सोलंगनाला में ही पैराग्लाइडिंग होती है लेकिन अब जिला चम्बा में आने वाले पर्यटकों को मानव परिंदे बनने का मौका मिल गया है। जिला चम्बा के खजियार क्षेत्र के दो निजी स्थानों लाहड़ा से धरोल व धरोटा से लाहड़ा (जगदम्बा...

चम्बा (विनोद): प्रदेश में अब तक महज बीड़ बिलिंग व सोलंगनाला में ही पैराग्लाइडिंग होती है लेकिन अब जिला चम्बा में आने वाले पर्यटकों को मानव परिंदे बनने का मौका मिल गया है। जिला चम्बा के खजियार क्षेत्र के दो निजी स्थानों लाहड़ा से धरोल व धरोटा से लाहड़ा (जगदम्बा मंदिर) को प्रारंभिक मंजूरी मिल गई है। अब उक्त स्थानों के बीच उड़ान भरी जा सकती है। प्रारंभिक मंजूरी मिलने के साथ ही अब विभाग इन जगहों की सरकार द्वारा अधिसूचना जारी करवाने की प्रक्रिया को अंजाम देने के लिए औपचारिकताओं को पूरा करने में जुट गया है। जिला पर्यटन विभाग की मानें तो अगले माह तक सरकार इस संदर्भ में अधिसूचना जारी कर देगी।
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ऐसा माना जा रहा है कि आने वाले पर्यटन सीजन में खजियार क्षेत्र में प्रदेश में अब तक महज बीड़ बिलिंग व सोलंगनाला में ही पैराग्लाइडिंग होती है लेकिन अब जिला चम्बा में आने वाले पर्यटकों को मानव परिंदे बनने का मौका मिल गया है। जिला चम्बा के खजियार क्षेत्र के दो निजी स्थानों लाहड़ा से धरोल व धरोटा से लाहड़ा (जगदम्बा मंदिर) को प्रारंभिक मंजूरी मिल गई है। अब उक्त स्थानों के बीच उड़ान भरी जा सकती है। प्रारंभिक मंजूरी मिलने के साथ ही अब विभाग इन जगहों की सरकार द्वारा अधिसूचना जारी करवाने की प्रक्रिया को अंजाम देने के लिए औपचारिकताओं को पूरा करने में जुट गया है दायरे में आने वाले आकाश पर कई मानव परिंदों को उड़ते हुए देखा जाएगा। सरकार द्वारा जैसे इस संदर्भ में अधिसूचना जारी होती है तो प्रदेश में पैराग्लाइडिंग के लिए यह प्रदेश का तीसरा स्थान बन जाएगा। 

वर्षों से इस साहसिक खेल की अखर रही थी कमी

चम्बा में यूं तो प्रकृति ने अपनी सुंदरता की छटा इस कदर बिखेर रखी है कि यहां आने वाले सैलानी उसे देखकर मंत्रमुग्ध हो जाते हैं लेकिन यहां अक्सर पर्यटकों को साहसिक खेलों की कमी अखरती थी। हालांकि खजियार क्षेत्र में पैराग्लाइडिंग वर्षों से हो रही है लेकिन इस कार्य को अंजाम देने वालों को हमेशा कानूनी कार्रवाई का डर सताता रहता था। इस वजह से करीब पांच वर्ष पूर्व इस क्षेत्र में आधिकारिक तौर पर पैराग्लाइडिंग के लिए स्थान सरकार द्वारा घोषित किए जाने की मांग चली आ रही थी। पूर्व सरकार के कार्यकाल में इससे जुड़ी एक कमेटी ने उक्त स्थानों का दौरा किया था लेकिन मामला सिर्फ दौरे तक ही सीमित रहा। प्रदेश में सत्ता परिवर्तन के साथ ही इस मामले के ध्यान में आते ही सितम्बर माह में पर्वतारोहण संस्थान मनाली से एक टीम ने यहां आकर दोनों प्रस्तावित निजी स्थलों का दौरा किया और उन्हें पैराग्लाइडिंग की उड़ानों के लिए उचित माना। 

4 से 6 मिनट की होगी उड़ान

जानकारी के अनुसार जिन दो निजी स्थानों को पैराग्लाइडिंग की उड़ान के लिए प्रारंभिक अनुमति मिली है वहां से 4 से 6 मिनट तक ही हवा में उड़ान हो सकती है। नि:सन्देह इस उड़ान के शुरू होने से जिला चम्बा के पर्यटन को विकसित होने के लिए नए पंख मिल जाएंगे तो साथ ही यहां आने वाले सैलानियों के लिए इस रोमांच से गुजरना उनके लिए यादगार पलों को संजोने का काम करेगा। इससे सैलानियों का आमद में इजाफा होने की पूरी संभावना है। 

स्वरोजगार के खुलेंगे नए द्वार

खजियार क्षेत्र में पैराग्लाइडिंग होने से इस क्षेत्र में सैलानियों की संख्या में बढ़ौतरी होने से क्षेत्र के बेरोजगार युवाओं के लिए स्वरोजगार के नए द्वार खुलेंगे। पर्यटन ही एक ऐसा माध्यम है जोकि बेरोजगारी पर लगान लगाने के साथ-साथ राज्य के साथ-साथ जिला के विकास में अहम भूमिका निभा सकता है। ऐसे में स्वरोजगार के नए अवसरों के मिलने से क्षेत्र के युवाओं के लिए पैराग्लाइडिंग आय का मुख्य साधन बन सकता है। 

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