Edited By Ekta, Updated: 07 Jun, 2018 01:35 PM
सुंदरनगर उपमंडल के सलापड़ राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला में शिक्षकों व ए.बी.वी.पी के पदाधिकारियों द्वारा बच्चों को इसकी सदस्यता दिलाने के मामले ने तूल पकड़ लिया है। दो सप्ताह पहले शिक्षकों और पदाधिकारियों को प्रधानाचार्य के कमरे में बुलाकर विधिवत...
सुंदरनगर (नितेश सैनी): सुंदरनगर उपमंडल के सलापड़ राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला में शिक्षकों व ए.बी.वी.पी के पदाधिकारियों द्वारा बच्चों को इसकी सदस्यता दिलाने के मामले ने तूल पकड़ लिया है। दो सप्ताह पहले शिक्षकों और पदाधिकारियों को प्रधानाचार्य के कमरे में बुलाकर विधिवत बच्चों को सदस्यता दिलाई और इनके नाम चंदा भी लिया। देश भक्ति पर लेक्चर देने की आड़ में बाकायदा ए.बी.वी.पी. के पदाधिकारी ने बच्चों को रसीदे भी जारी की है। इस घटना का घर में बच्चों से पता चलते ही अभिभावक ने शिक्षकों व ए.बी.वी.पी द्वारा किए गए इस कारनामे पर कड़ा एतराज जताया है।
अभिवावकों ने मामले की शिक्षा निदेशक से शिकायत कर जांच की मांग की थी लेकिन अभी तक मामले में कोई भी जांच नहीं की गई है। वही मामले पर ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी के सदस्य एवं पूर्व विधायक सोहन लाल ठाकुर ने इस कारनामे के लिए वर्तमान सरकार को आड़े हाथों लिया। उनका कहना है कि प्रदेश सरकार मासूम स्कूली बच्चों को राजनीति में डालने का प्रयास कर रही है। जब से प्रदेश में भाजपा सत्ता में आई है उसके बाद शिक्षा का सत्यानास हुआ है और हर अधिकारी सरकार के इशारे पर काम कर रहा है। उन्होंने कहा कि मामले को दो सप्ताह बीत चुके हैं लेकिन अभी तक शिक्षा विभाग ने कोई भी सज्ञान है। जिस से प्रतीत होता है की जो सरकार का आदेश है उसी के ऊपर अमल किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सरकारी तंत्र का दुरुपयोग करके इस तरह से बच्चों का राजनीतिक शोषण करना गलत और चिंताजनक है।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में भाजपा की सरकार आने के बाद इस तरह की घटनाओं की बाढ़ आई है। उन्होंने कहा कि अगर जल्द मामले पर कोई कार्रवाई नहीं की तो कांग्रेस पार्टी धरना-प्रदर्शन करने को मजबूर होगी। सोहन का कहना है कि हिमाचल प्रदेश के स्कूलों ने शिक्षा का राजनीतिक करण किया है। अखिल विधार्थी परिषद के कार्यकर्त्ता स्कूली बच्चों से जबरदस्ती सदस्यता ग्रहण करवा उन्हें रसीदें सौंप रहे हैं। उन्होंने कहा कि दो सप्ताह बीत जाने के बाद इस मामले पर न सरकार कोई सज्ञान ले सकी और न ही शिक्षा विभाग। उन्होंने कहा कि सरकार और उनके विधायकों ने सभी विभागों के अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि सरकार से बिना पूछे कोई भी काम अमल में नहीं आना चाहिए। जिसके लिए सभी विभागों के लिए विधायक तैनात किए गए हैं।