Edited By Vijay, Updated: 29 Jul, 2022 10:04 PM
जयराम सरकार पर बागवानों की अनदेखी का आरोप लगाते हुए कहा है कि प्रदेश में सेब सीजन चरम पर है और सरकार की तरफ से कोई राहत सेब उत्पादकों को नहीं मिली है। आम आदमी पार्टी किसान विंग के राज्याध्यक्ष अनिंदर सिंह नॉटी ने कहा कि कैबिनेट बैठक से सेब उत्पादकों...
नाहन (साथी): जयराम सरकार पर बागवानों की अनदेखी का आरोप लगाते हुए कहा है कि प्रदेश में सेब सीजन चरम पर है और सरकार की तरफ से कोई राहत सेब उत्पादकों को नहीं मिली है। आम आदमी पार्टी किसान विंग के राज्याध्यक्ष अनिंदर सिंह नॉटी ने कहा कि कैबिनेट बैठक से सेब उत्पादकों को बड़ी उम्मीदें थीं लेकिन सरकार ने उनकी उम्मीदों पर पानी फेरते हुए मात्र 6 प्रतिशत जीएसटी कम कर इसे खुद उपदान के रूप में देने का फैसला लिया है जो ऊंट के मुंह में जीरे के समान है। उन्होंने कहा कि 6 प्रतिशत जीएसटी कम कर सरकार ने कोई बड़ी राहत नहीं दी है। आम आदमी पार्टी सरकार से मांग करती है कि किसान, बागवान और उनके जितने भी संगठन पंजीकृत हैं, उन्हें भी सीधे तौर पर उपदान दिया जाए। उन्होंने कहा कि आगामी विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी सत्ता में आकर किसानों-बागवानों की समस्याओं का रोडमैप बनाकर स्थायी समाधान करेगी।
किसान विरोधी साबित हुई जयराम सरकार
हिमाचल के किसानों के लिए यह सरकार विरोधी साबित हुई है। किसान आंदोलन के दौरान दिल्ली में 13 महीने के भीतर 700 किसानों ने शहादत दी है, तब जाकर कहीं मोदी सरकार ने काले कृषि कानून वापस लिए थे। नॉटी ने कहा कि इसी तर्ज पर जयराम सरकार भी किसान विरोधी साबित हुई है। इसी तरह कांग्रेस ने भी हमेशा किसान विरोधी नीतियां बनाई हैं, जिसके चलते किसान मुश्किल की घड़ी से गुजर रहा है। उन्होंने कहा कि भाजपा और कांग्रेस का रिपोर्ट कार्ड किसानों के हित में नहीं है।
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