छात्रवृत्ति घोटाले में CBI की बड़ी कार्रवाई, हिमाचल सहित 3 राज्यों से 7 गिरफ्तार

Edited By Vijay, Updated: 08 Apr, 2022 09:58 PM

7 arrested in scholarship scam

250 करोड़ से अधिक के बहुचर्चित छात्रवृत्ति घोटाले में सीबीआई ने बड़ी कार्रवाई करते हुए 7 गिरफ्तारियां की हैं। ये सभी गिरफ्तारियां पंजाब, चंडीगढ़ और हिमाचल से किए जाने की सूचना है। इनमें 3 से 4 संस्थानों के प्रबंधक, रजिस्ट्रार सहित अन्य कर्ता-धर्ता...

शिमला (राक्टा): 250 करोड़ से अधिक के बहुचर्चित छात्रवृत्ति घोटाले में सीबीआई ने बड़ी कार्रवाई करते हुए 7 गिरफ्तारियां की हैं। ये सभी गिरफ्तारियां पंजाब, चंडीगढ़ और हिमाचल से किए जाने की सूचना है। इनमें 3 से 4 संस्थानों के प्रबंधक, रजिस्ट्रार सहित अन्य कर्ता-धर्ता शामिल है। सूचना के अनुसार सीबीआई ने स्कालरशिप घोटाले को लेकर जांच दायरे में चल रहे हिमालयन ग्रुप ऑफ प्रोफैशनल इंस्टीच्यूट के प्रबंधक रजनीश बंसल और विकास बंसल के साथ ही रजिस्ट्रार पन्ना लाल और शिवेंद्र सिंह को गिरफ्तार किया है। इसके साथ ही आईटीएफटी न्यू चंडीगढ़ का गुलशन शर्मा, आईसीएल संस्थान के संजीव प्रभाकर और रजिस्ट्रार जोगिंद्र सिंह शामिल बताए गए हैं। सभी आरोपितों को शनिवार को अदालत में पेश किया जाएगा। 

266 में से 28 निजी संस्थान घोटाले में संलिप्त 

सूचना है कि अधिकतर की गिरफ्तारी उनके घरों में दबिश देकर की गई है। सीबीआई की ओर से की गई अब तक की जांच में 266 में से 28 निजी संस्थानों को घोटाले में संलिप्त पाया गया है। इसके तहत 28 में से 11 संस्थानों की जांच पहले ही पूरी हो चुकी है और आरोप पत्र दाखिल किए जा चुके हैं जबकि 17 संस्थानों के खिलाफ जांच अभी जारी है। छात्रवृत्ति घोटाले के तहत जांच में सामने आया है कि छात्रवृत्ति हड़पने के लिए छात्रों की जाति तक हो ही बदल दिया गया। संस्थान छोड़ चुके छात्रों को फर्जी तरीके से रिकॉर्ड में छात्र दर्शाया और विषय बदल कर छात्रवृत्तियां हड़पी गईं। यही नहीं छात्रवृत्तियां हड़पने के लिए डे-स्कोलर छात्र को होस्टलियर छात्र दर्शाया गया। छात्रवृत्ति हड़पने के लिए राज्य के बाहर बैंकों में छात्रों के बैंक खाते खोले गए। कुछ संस्थानों ने उन छात्रों के दस्तावेजों को भी अपने पास रख लिया, जिनको काऊंसङ्क्षलग के बाद एडिमशन नहीं मिली। 

20 अप्रैल को दाखिल होगी ताजा स्टेटस रिपोर्ट 

बहुचर्चित छात्रवृत्ति घोटाले से जुड़े मामले में सीबीआई की धीमी जांच पर हाईकोर्ट नाराजगी जता चुका है, ऐसे में हाईकोर्ट ने जांच में तेजी लाकर इसे पूरा करने और सक्षम क्षेत्राधिकार वाले न्यायालय के समक्ष आरोप पत्र (चार्जशीट) दाखिल करने के आदेश जारी किए थे। इसके साथ ही सीबीआई को 20 अप्रैल, 2022 को मामले पर ताजा स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने का आदेश दिए हैं।

ईडी की जांच भी जारी, संपत्तियां होंगी अटैच

जांच में मिले साक्ष्य के आधार पर सीबीआई कुछ निजी शिक्षण संस्थानों सहित अन्यों के बैंक खातों को भी सीज कर चुकी है। इसके साथ ही ईडी भी जांच में जुटी हुई है। आने वाले समय में ऐसी संपत्तियां भी अटैच हो सकती हैं जो छात्रवृत्ति घोटाले को अंजाम देकर बनाई गई हैं। कई संपत्तियों का जांच में पता लग चुका है और इस संबंध में दस्तावेज भी हाथ लगे हैं। हाल ही में एक संस्थान की ईडी संपत्ति भी अटैच कर चुकी है।

सरकारी संस्थानों में नहीं मिले घोटाले के तथ्य

सीबीआई की अब तक की जांच में सरकारी संस्थानों के तहत घोटाले होने के कोई तथ्य नहीं मिले हैं। सूचना के अनुसार 2013 से 2017 में मेधावी विद्यार्थियों के लिए 266 करोड़ रुपए की छात्रवृत्ति आबंटित की गई। ऐसे में यह घोटाला 210 करोड़ के आसपास का बताया जा रहा है क्योंकि शेष राशि सरकारी संस्थानों को जारी हुई थी।

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