Edited By prashant sharma, Updated: 21 Dec, 2021 10:44 AM
विश्व स्वास्थ्य संगठन के ओमीक्रोन को लेकर जारी निर्देशों की पालना जिला कांगड़ा में भी की जा रही है। विदेशों से आने वाले यात्रियों के टेस्ट करने से लेकर होम आईसोलेशन में रहना सुनिश्चित किया जा रहा है। डब्ल्यू.एच.ओ. द्वारा विदेशी नागारिकों की जांच को...
धर्मशाला (तनुज) : विश्व स्वास्थ्य संगठन के ओमीक्रोन को लेकर जारी निर्देशों की पालना जिला कांगड़ा में भी की जा रही है। विदेशों से आने वाले यात्रियों के टेस्ट करने से लेकर होम आईसोलेशन में रहना सुनिश्चित किया जा रहा है। डब्ल्यू.एच.ओ. द्वारा विदेशी नागारिकों की जांच को लेकर जारी निर्देशों के बाद 612 यात्री कांगड़ा पहुंचे हैं। इन सभी ट्रेवलरों को ट्रेस करने के बाद 159 के कोरोना जांच की जा चुकी है। अभी तक जिला में ओमीक्रॉन का कोई भी मामला सामने नहीं आया है। वहीं, जिला में कोरोना जांच को टेस्ट भी लोगों द्वारा न करवाने के चलते कम हुए हैं। लक्षण होने के बाद भी अब लोग कोरोना जांच करवाने से कतरा रहे हैं। सोमवार को पत्रकार वार्ता के दौरान सी.एम.ओ. कांगड़ा डॉ. गुरदर्शन गुप्ता ने कहा कि ओमीक्रोन वेरिएंट डेल्टा से भी 70 प्रतिशत अधिक फैलने वाला संक्रमण है। ऐसे में लोगों को सजग रहते हुए लक्षण होने पर अपनी जांच करवानी चाहिए। उन्होंने कहा कि कोरोना वैक्सीन की डबल डोज और पहले भी कोरोना संक्रमित हो चुके मरीजों के दोबारा संक्रमित होने का खतरा है।
जिला में 50 हजार लोगों को लगनी है दूसरी डोज
जिला कांगड़ा में स्वास्थ्य विभाग द्वारा 12,33,114 को वैक्सीनेशन की पहली डोज दी जा चुकी है जबकि 11 लाख 50 हजार को दोनों डोज दी गई है। जिला में अभी भी 50 हजार ऐसे लोग हैं जिन्हें पहली डोज ही लगी है जबकि दूसरी डोज लगना शेष है। सी.एम.ओ. ने कहा कि जिनके पहली डोज के बाद दूसरी डोज लगनी है उसको लगवा लें जिससे कि बीमार होने पर खतरे को कम किया जा सके।
सरकारी योजनाओं में इतनों को मिला लाभ
सी.एम.ओ. कांगड़ा ने कहा कि केंद्र की आयुष्मान योजना के तहत जिला में 89460 कार्ड धारक हैं जिनमें से 24,360 को उपचार के लिए 33 करोड़ 17 लाख रूपए की आर्थिक मदद दी है। वहीं, हिमकेयर योजना में 2,26,730 जिला में कार्ड धारक है जिनमें से 25,693 को उपचार के दौरान 22 करोड़ 70 लाख रूपए की मदद की गई है। इसी तरह सहारा योजना के अंतर्गत जिला में 6,253 मरीज पंजीकृत हैं। इन पंजीकृत मरीजों को 3 हजार रूपए प्रतिमाह दिए जा रहे हैं जिन पर 23 करोड़ से अधिक की आर्थिक सहायता दी गई। 31 अक्तूबर 2021 तक सभी को योजना का लाभ दिया गया है। इस योजना के अंतर्गत 400 मामले अभी प्रोसेस में हैं।