Edited By prashant sharma, Updated: 18 Apr, 2021 11:32 AM
डाॅ. राजेंद्र प्रसाद मेडिकल काॅलेज एवं अस्पताल टांडा में उपचाराधीन मंडी जिला के जोगिंद्रनगर के समीपवर्ती बनार की बुजुर्ग महिला अपने बेटों की राह ताक रही है। जीवनसाथी के इस संसार से जाने के बाद बुढ़ापे में बेटों की आस पर जी रही
कांगड़ा (किशोर) : डाॅ. राजेंद्र प्रसाद मेडिकल काॅलेज एवं अस्पताल टांडा में उपचाराधीन मंडी जिला के जोगिंद्रनगर के समीपवर्ती बनार की बुजुर्ग महिला अपने बेटों की राह ताक रही है। जीवनसाथी के इस संसार से जाने के बाद बुढ़ापे में बेटों की आस पर जी रही महिला को आॅप्रेशन के लिए खर्च होने वाली राशि की आस अपने बेटों से है, लेकिन उसका ईलाज करवाना तो दूर बेटों ने कुशलक्षेम तक नहीं जाना। अस्पताल में उपचाराधीन बुजुर्ग की देखभाल उसका दोहता कर रहा है। बुजुर्ग रेशमा देवी अपना भरण पोषण करने के लिए जोगिंद्रनगर अस्पताल के समीप चाय की दुकान पर बर्तन धोने का काम करके करती है। महिला को न तो सही से दिखाई देता है और न ही सुनाई देता है। महिला ने बताया कि वह घर के साथ पुलिया से नीचे गिर गई थी जिससे उसकी टांग में फ्रैक्चर हो गया है। पहले उसको उपचार के लिए जोगिंद्रनगर अस्पताल ले गए तथा वहां से उसको टांडा रेफर कर दिया।
टी.एम.सी. में चिकित्सकों द्वारा महिला की टांग का आॅप्रेशन करके रॉड डालने की बात कही गई है। इस आॅप्रेशन पर लगभग 15000 रुपए का खर्चा बताया है। महिला की माली हालत इतनी नहीं है कि वह इस आॅप्रेशन का खर्चा वहन कर सके। वहीं, महिला सरकार द्वारा चलाई गई स्वास्थ्य स्कीमों में भी पंजीकृत नहीं है। ऐसे में महिला को उपचार के लिए अब चिंता सताने लगी है। महिला का कहना है कि उसके 3 बेटे हैं, जिनमें से एक बेटा कुल्लू में रहता है। महिला ने बताया कि वह चाय की दुकान में बर्तन आदि धोकर अपना गुजारा चलाती है। वृद्धा का कहना है कि शनिवार को यह ऑपरेशन होना था लेकिन चिकित्सकों द्वारा मंगलवार को आॅप्रेशन करने की बात कही गई। बुजुर्ग ने बताया कि बेटों को बार-बार संदेश भेजा गया, लेकिन अभी तक कोई भी कुशलक्षेम तक जानने के लिए नहीं पहुंचा। वृद्धा ने बताया कि उसका दोहता अस्पताल में उसकी देखभाल कर रहा है। इसके अलावा महिला ने प्रशासन से भी उसकी आर्थिक तौर पर मदद करने की गुहार लगाई है जिससे कि उसका आॅप्रेशन हो सके।