Edited By Ekta, Updated: 04 Oct, 2019 11:00 AM
राजीव गांधी राजकीय आयुर्वेदिक कॉलेज पपरोला के बी.ए.एम.एस. अंतिम वर्ष के प्रैक्टीकल में फेल हुए 5 विद्यार्थियों को प्रदेश हाईकोर्ट ने अंतरिम राहत प्रदान करते हुए इंटर्नशिप करने की स्वीकृति दे दी है। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश धर्म चंद चौधरी और...
धर्मशाला (सौरभ): राजीव गांधी राजकीय आयुर्वेदिक कॉलेज पपरोला के बी.ए.एम.एस. अंतिम वर्ष के प्रैक्टीकल में फेल हुए 5 विद्यार्थियों को प्रदेश हाईकोर्ट ने अंतरिम राहत प्रदान करते हुए इंटर्नशिप करने की स्वीकृति दे दी है। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश धर्म चंद चौधरी और न्यायाधीश ज्योत्सना रेवाल दुआ की खंडपीठ ने विद्यार्थियों द्वारा दायर याचिका की वीरवार को हुई सुनवाई के दौरान यह आदेश पारित किया।
बचाव पक्ष के वकील विनय शर्मा के अनुसार खंडपीठ ने आयुर्वेद कॉलेज प्रशासन को केस का अंतिम निर्णय होने तक पांचों विद्यार्थियों अमितेष मेहरा, साहिल कुमार, रूही शर्मा, रूपम भारद्वाज और नितिन राठौर की इंटर्नशिप जारी रखने के निर्देश जारी किए हैं। इस मामले में प्रदेश सरकार, हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय और कालेज प्रशासन ने अपना जवाब हाईकोर्ट में दाखिल कर दिया है, जबकि विद्यार्थियों का प्रैक्टीकल लेने वाले दोनों प्राध्यापकों डा. अनिल दत्त और डा. मंजू अग्रवाल ने अपना जवाब दाखिल करने के लिए प्रदेश हाईकोर्ट से 2 सप्ताह का और समय मांगा है।
यह है मामला
आयुर्वेदिक कॉलेज पपरोला के बी.ए.एम.एस. अंतिम वर्ष की 3 छात्राओं और 2 छात्रों ने बीते अगस्त माह में हाईकोर्ट में दायर याचिका में आरोप लगाया था कि थ्यूरी में 70 फीसदी नंबर लेने के बावजूद शल्य तंत्र विभाग के प्रैक्टीकल में उन्हें जानबूझ कर फेल कर दिया गया। याचिका में पांचों विद्यार्थियों ने शल्य तंत्र विभाग के अध्यक्ष पर उनके साथ भेदभावपूर्ण रवैया अपनाने का आरोप लगाया था। प्रैक्टीकल में फेल होने के चलते पांचों विद्यार्थी बीते एक अगस्त से आरंभ हुई एक साल की इंटर्नशिप में भाग लेने से वंचित हो गए थे। अब हाईकोर्ट के अंतरिम आदेश से उनका एक साल बर्बाद होने से बच जाएगा।