किसानों के लिए 3,000 करोड़ नहीं, कर्मचारियों को DA में दे दिए 16,000 करोड़

Edited By Simpy Khanna, Updated: 09 Nov, 2019 09:51 AM

3 000 crores not for farmers

पराली जलाने से होने वाले वायु प्रदूषण के समाधान के लिए केंद्र सरकार किसानों को 3,000 करोड़ रुपए देने को तैयार नहीं है, जबकि दीपावली पर कर्मचारियों को डी.ए. के तौर पर 16,000 करोड़ रुपए के वित्तीय लाभ दे दिए गए।

शिमला (देवेंद्र): पराली जलाने से होने वाले वायु प्रदूषण के समाधान के लिए केंद्र सरकार किसानों को 3,000 करोड़ रुपए देने को तैयार नहीं है, जबकि दीपावली पर कर्मचारियों को डी.ए. के तौर पर 16,000 करोड़ रुपए के वित्तीय लाभ दे दिए गए। कृषि मामलों के विशेषज्ञ देवेंद्र शर्मा ने सरकार को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि मशीनें बनाने वाली कंपनियों की लॉबिंग के चलते किसानों को सीधा पैसा देने की बजाय मशीनों पर सबसिडी दी जा रही है। यदि किसानों को 200 रुपए प्रति क्विंटल पराली के हिसाब से पैसा दिया जाता है तो इसको जलाने से होने वाला वायु प्रदूषण रोका जा सकता है।

उन्होंने बताया कि पंजाब, हरिणाया और उत्तर प्रदेश के किसानों को यदि सरकार पराली के निष्पादन के लिए 3,000 रुपए प्रति एकड़ देती है तो इससे केंद्र सरकार पर 3,000 करोड़ रुपए अतिरिक्त का बोझ पड़ेगा लेकिन सरकार पराली के निष्पादन को लेबर कॉस्ट देने की बजाय 60,000 रुपए प्रति मशीन सबसिडी दे रही है। देवेंद्र शर्मा ने बताया कि दिल्ली में वायु प्रदूषण का ठीकरा सीधे-सीधे किसानों पर फोड़ा जा रहा है। किसानों को अपराधियों के तौर पर पेश किया जा रहा है और उन पर मामले दर्ज किए जा रहे हैं, जो दुर्भाग्यपूर्ण है।

Related Story

Trending Topics

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!